जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले कानपुर के शुभम द्विवेदी की अस्थियां शनिवार को संगम में प्रवाहित की गईं। पत्नी एशान्या द्विवेदी परिजनों के साथ अस्थि कलश लेकर प्रयागराज पहुंचीं। यहां पर विधि-विधान पूर्वक वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शुभम द्विवेदी की अस्थियां संगम में विसर्जित की गईं। पहलगाम हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी की अस्थियां संगम में विसर्जित की गईं। अस्थि विसर्जन के दौरान पत्नी ऐशन्या शुभम की फोटो को सीने से लगाए रहीं। बीच-बीच में वह रो पड़ती थीं। परिवार के लोग उन्हें संभालते दिखे। उनकी नम आंखों को देखकर कर्मकांड करा रहे पंडित भी भावुक हो गए। शनिवार सुबह परिवार के लोगों ने शुभम की फोटो पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद जैसे ही शुभम के चचेरे भाई ने अस्थि कलश उठाया, पत्नी ऐशन्या चीख पड़ीं। उन्होंने दौड़कर अस्थि कलश पकड़ लिया। सुबह साढ़े 7 बजे कानपुर से अस्थियां लेकर परिवार संगम के लिए तीन गाड़ियों से निकला। ऐशन्या अस्थि कलश हाथ में लेकर गाड़ी में बैठीं।
उसी गाड़ी में शुभम का एक बड़ा पोस्टर लगा था। रास्ते में 4-5 जगह शुभम को श्रद्धांजलि दी गई। साढ़े 12 बजे परिवार प्रयागराज पहुंचा। यहां संगम की रेती पर पंडित ने 30 मिनट तक कर्मकांड कराया। इसके बाद चचेरे भाई सौरभ ने अस्थियां संगम में विसर्जित कीं।
शुभम द्विवेदी (31) की पहलगाम हमले में मौत हो गई थी। उनकी दो महीने पहले ऐशन्या से शादी हुई थी। 17 अप्रैल को ऐशन्या और परिवार के 11 सदस्यों के साथ शुभम कश्मीर घूमने गए थे। उन्हें 23 अप्रैल को घर लौटना था, मगर 22 अप्रैल को दोपहर 2.45 बजे पहलगाम की बायसरन घाटी में आतंकियों ने हमला कर दिया। शुभम को ऐशन्या के सामने ही गोली मार दी गई थी।