कृषि मंत्री ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन 2025 में की भागीदारी।
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कृषि मंत्री ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन 2025 में की भागीदारी।



लखनऊ : 08 मई, 2025

भारत रत्न सी0 सुब्रमण्यम सभागार एन0ए0एस0सी0 कॉम्पलेक्स, पूसा, नई दिल्ली में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन 2025 के शुभारम्भ कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही द्वारा भागीदारी की गई। उन्होंने कृषकों के हित में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाये जा रहे योजनाओं एवं कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत करते हुए शाही द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश ने वर्तमान सरकार के कार्यकाल में उल्लेखनीय प्रगति किया है। वर्ष 2026-17 में खाद्यान्न उत्पादन 557.46 मै0टन के सापेक्ष वर्ष 2024-25 में 725.12 मै0टन का रिकार्ड उत्पादन हुआ है, इसी प्रकार दलहन उत्पादन 23.95 मै0टन के सापेक्ष 35.18 मै0टन, तिलहन उत्पादन 12.04 मै0टन के सापेक्ष 29.20 मै0टन का उत्पादन प्रदेश में हुआ है। गत वर्ष के सापेक्ष 30 लाख मै0टन की वृद्धि करते हुए खरीफ 2025 का लक्ष्य 293.36 लाख मै0टन निर्धारित किया गया है। सम्पूर्ण देश में उत्तर प्रदेश ने गेहूॅ, चावल, आम, आलू, सब्जियॉ एवं दूध के उत्पादन में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही बाजरा एवं मसूर में द्वितीय स्थान, सरसों उत्पादन में तृतीय स्थान तथा दलहन उत्पादन में चतुर्थ स्थान उत्तर प्रदेश द्वारा प्राप्त किया गया है।

भूमि की उर्वरा शक्ति स्थिर या कम हो रही है इसी के दृष्टिगत मंत्री द्वारा मक्का, बाजरा, ज्वार, उर्द, मूंग, अरहर तथा मोटा अनाज के क्षेत्रफल का विस्तार कर आच्छादन को बढ़ाने, खरीफ खाद्यान्न की उत्पादकता 12.30 है0 से बढ़ाकर 13.55 है0 करने पर बल दिया गया। गुणवत्तापूर्ण बीज की ससमय आपूर्ति एग्रोक्लाइमेटिक जोन के अनुसार बीज, खाद एवं पानी की समय से उपलब्धता, बीज शोधन, लाईन सोइंग, डी0एस0आर0, फसल चक्र को अपनाने के साथ ही खेतों का विविधीकरण, गन्ना में इन्टर क्रापिंग पर बल प्रदान किया गया। दलहन एवं तिलहन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प में सहयोग प्रदान करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दलहन एवं तिलहन उत्पादन के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए 2017-18 से अब तक 463600 से अधिक मिनीकिट निःशुल्क किसानों में वितरित किया गया। पी0ओ0एस0 मशीन के द्वारा अनुदान पर गुणवत्तापूर्ण बीजों की व्यवस्था की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में यूरिया 14.55 मै0टन, डी0ए0पी0 2.58 मै0टन, एन0पी0के0 2.65 मै0टन, एस0एस0पी0 2.87 मै0टन उपलब्ध है। किसानों को उन्होंने आहवान किया कि वे उर्वरकों का संतुलित मात्रा में उपयोग करें। कृषि रक्षा रसायन पर्याप्त मात्रा में प्रदेश में उपलब्ध है। उन्होंने बायोपेस्टीसाइड्स एवं बायो एजेन्ट्स का उपयोग करने तथा जीवांश कार्बन की मात्रा बढ़ाने पर बल दिया। श्री शाही द्वारा अवगत कराया गया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत 2 करोड़ 86 लाख किसानों को 85 हजार करोड़ रू0 का वितरण किया जा चुका है। पर्यावरण संरक्षण एवं गैर परम्परागत ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पी0एम0 कुसुम योजना के अन्तर्गत 45 हजार सोलर पम्प अनुदान पर लगाए जाने का लक्ष्य 2025-26 में है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत 72 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं एवं 5500 करोड़ रू0 का बीमा भुगतान किसान भाईयों को किया गया है। ई-लाटरी के माध्यम से 2 लाख 36 हजार कृषि यंत्र, 6 हजार फार्म मशीनरी बैंक एवं 8 हजार कस्टम हायरिंग सेन्टर अनुदान पर कृषकों को उपलब्ध कराया गया। डिजिटल क्राप सर्वे एवं किसान रजिस्ट्री के निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति की गई है।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा केन्द्रीय कृषि मंत्री, भारत सरकार से किसानों के हित में निम्नवत् अनुरोध किया गया-

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

जल भराव से धान की फसल की क्षति को स्थानिक आपदा के अन्तर्गत कवर किया जाए।  

व्यक्तिगत क्षति की सूचना 72 घण्टे की जगह 120 घण्टे किया जाए।

फसल कटाई के अधिकतम 2 माह के भीतर क्षतिपूर्ति का भुगतान हो जाए इसके लिए पोर्टल में आवश्यक व्यवस्था की जाए।

पी0 एम0 राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-

राष्ट्रीय कृषि विकास अम्ब्रेला योजना के अन्तर्गत आवंटित धनराशि का 75 प्रतिशत व्यय होने पर ही दूसरी किस्त आवंटित होती है। इससे त्वरित गति से व्यय होने वाली योजनायें प्रभावित होती हैं और उनकी देनदारियॉ बढ़ने लगती हैं फलस्वरूप जिन योजनाओं में 75 प्रतिशत व्यय हो जाता है उनकी दूसरी किस्त देने की व्यवस्था की जाए।

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं कृषोन्नति योजना में विगत वर्ष का 172 करोड़ रू0 अवशेष बचा हुआ है। इसके व्यय करने की अनुमति हेतु भारत सरकार को पत्र भेजा गया है। इसकी अनुमति दिला दिया जाए तो तत्काल इस 172 करोड़ की धनराशि को व्यय कर लिया जायेगा। उन्होंने कृषोन्नति योजना में इस वित्तीय वर्ष 2025-26 की प्रथम किस्त शीघ्र जारी करने का भी आग्रह किया।

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