प्रयागराज। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा-2025 में यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने कई बड़े नवाचार और बदलाव किए। इनमें परीक्षा संचालन से लेकर प्रायोगिक परीक्षा में एप के माध्यम से विद्यालय परिसर से ही अंक देने की व्यवस्था, परीक्षकों पर किसी तरह का दबाव बनाए जाने पर आनलाइन शिकायत करने की भी व्यवस्था दी गई।
परीक्षकों की जिओ लोकेशन युक्त एप के माध्यम से प्रयोगशाला कक्ष में उपस्थिति ली गई। अतिरिक्त प्रश्नपत्र पहली बार परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूम में भेजकर एक अलग अलमारी में रखवाए गए। प्रश्नपत्र के प्रत्येक पृष्ठ पर गोपनीय न्यूमेरिक नंबरिंग कराई गई। अंकपत्र ऐसा तैयार कराया गया, जो नष्ट नहीं हो सकेगा।
पहली बार डिजीलॉकर पर जारी की गई मार्कशीट
पहली बार परीक्षा परिणाम के साथ डिजि-लाकर पर अंकपत्र जारी किए गए। यूपी बोर्ड की परीक्षा में पहली बार उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-2024 लागू किया गया। इमें आजीवन कारावास और एक करोड़ जुर्माने का प्रविधान है।
इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षा में पहली बार परीक्षकों ने परीक्षा केंद्र से ही एप के माध्यम से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के पोर्टल पर अंक प्रदान किए। साल्वर वाले अनुक्रमांक की कापियां मूल्यांकन के बाद मंगाकर यूपी बोर्ड ने विशेष रूप से आडिट कराया।
पहली बार नष्ट नहीं किए जाएंगे प्रश्न पत्र
अतिरिक्त प्रश्नपत्र पहली बार परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूमों में भेजे गए। प्रयोग न होने पर पहली बार होगा कि नष्ट नहीं किए गए। इन्हें प्री बोर्ड के लिए दिया जाएगा। प्रश्नपत्रों के प्रत्येक पृष्ठ पर केंद्रवार गोपनीय न्यूमेरिक नंबरिंग की गई, ताकि किसी प्रश्नपत्र के पूर्व प्रकटन की स्थिति में संबंधित परीक्षा केंद्र की पहचान की जा सके।
इसके अलावा नवाचार में अंकपत्र ऐसे कागज पर मुद्रित कराया गया है, जो न तो फटेगा और न ही गलेगा। इस पर एक विशेष मोनोग्राम लगाया गया है जो धूप में लाल रंग का दिखेगा और छांव में रंग बदलेगा। अंकपत्र का आकार बढ़ाकर ए-4 किया गया है। इस पर फ्लोरोसेंट लोगो और नंबरिंग है जो केवल यूवी लाइट में ही दिखेगी।
अंकपत्र में छात्र-छात्राओं और उनके माता-पिता का नाम हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखा गया है। अंकपत्र में अंकित प्रविष्टियों में किसी भी प्रकार का अवांछित बदलाव अथवा खुरच कर लिखना संभव नहीं है। अनुक्रमांक का अंकों के साथ शब्दों में भी अंकन किया गया है।
अंकपत्र की फोटोकापी करने पर प्रतिलिपि में हमेशा फोटोकापी लिखा जाएगा। छद्म परीक्षार्थी (प्राक्सी) पकड़े जाने पर परीक्षार्थी की अन्य सभी विषयों की उत्तरपुस्तिकाओं का एक विशेष अधिकारी की निगरानी में परीक्षण कराया गया।
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त 500 परीक्षार्थियों की सभी उत्तरपुस्तिकाओं का राज्य स्तर पर विशेष रूप से आडिट कराया गया। उत्तरपुस्तिकाओं को मूल्यांकन केंद्रों को भेजते समय कार्मिकों के लिए ट्रक के साथ कार की व्यवस्था की गई।
यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा-2025 में कुल 12 प्रमुख बदलाव और नवाचार किए गए:
एप के माध्यम से प्रायोगिक परीक्षा में अंक अपलोड।
जिओ लोकेशन युक्त एप से प्रयोगशाला में उपस्थिति।
अतिरिक्त प्रश्नपत्र स्ट्रांग रूम में अलग अलमारी में।
प्रश्नपत्रों पर गोपनीय न्यूमेरिक नंबरिंग।
अप्रयुक्त प्रश्नपत्र नष्ट न कर प्री-बोर्ड के लिए उपयोग।
डिजीलॉकर पर मार्कशीट जारी।
नष्ट न होने वाले विशेष कागज पर अंकपत्र।
अंकपत्र पर मोनोग्राम, फ्लोरोसेंट लोगो, यूवी नंबरिंग।
अंकपत्र में हिंदी-अंग्रेजी नाम, फोटोकापी पर "फोटोकापी" अंकन।
उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम-2024 लागू।
साल्वर कॉपियों का विशेष आडिट।
शीर्ष 500 परीक्षार्थियों की उत्तरपुस्तिकाओं का राज्य स्तर पर आडिट।