वायुसेना परिसर में हुए कमांडर वर्क इंजीनियर सत्येंद्र नारायण मिश्र हत्याकांड की विवेचना अब विशेष जांच दल(एसआईटी) की निगरानी में होगी। डीजीपी की ओर से तीन सदस्यीय एसआईटी गठित कर दी गई है। आईजी रेंज प्रेम कुमार गौतम की अध्यक्षता में गठित इस टीम में प्रयागराज के अपर पुलिस आयुक्त अपराध डॉ. अजयपाल शर्मा व एसीपी धूमनगंज बृजेंद्र यादव भी शामिल किए गए हैं। परिजनों ने दो दिन पहले इस मामले में पुलिस विभाग के आला अफसरों को पत्र भेजकर मामले की जांच निजी एजेंसी या एसआईटी से जांच कराने की मांग की थी। उन्होंने पुलिस की खुलासे की थ्योरी पर सवाल उठाए थे। इसके बाद ही डीजीपी की ओर से मामले की विवेचना के लिए एसआईटी गठित करने का निर्णय लिया गया। एसआईटी ने रविवार को काम शुरू भी कर दिया। तीनों अफसरों ने विवेचक पूरामुफ्ती थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह को बुलाकर केस के संबंध में पूछताछ की। विवेचना की अब तक की प्रगति के बारे में भी जानकारी हासिल की। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में एसआईटी एयरफोर्स कैंपस स्थित घटनास्थल का निरीक्षण करने के साथ मृतक अफसर की पत्नी व बेटे से भी बात कर सकती है। अपर पुलिस आयुक्त, अपराध डॉ. अजयपाल शर्मा ने बताया कि एसआईटी विवेचना की निगरानी करेगी। साथ ही यह सुनिश्चित करेगी कि घटना से संबंधित सभी पहलुओं पर व्यापक पड़ताल कर साक्ष्य जुटाए जाएं और इन्हें विवेचना में शामिल किया जाए। हाई सिक्योरिटी जोन में की गई थी कमांडर वर्क इंजीनियर की हत्या
मध्य वायु कमान कैंपस के भीतर कमांडर वर्क इंजीनियर सत्येंद्र नारायण मिश्रा की 29 मार्च को भोर में 3.15 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। चार अप्रैल को पुलिस ने मामले का खुलासा करने का दावा किया था। पुलिस ने दावा किया कि सैन्य कॉलोनी में चोरी की नीयत से घुसे चोर ने सैन्य अधिकारी के जाग जाने पर उन्हें गोली मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी।
खुलासे पर पत्नी ने उठाए थे सवाल, कहा- साजिशन की गई है हत्या
कमांडर वर्क इंजीनियर की पत्नी वत्सला मिश्रा ने मीडिया को जारी बयान में कहा है कि वायु सेना स्टेशन बमरौली के आधिकारिक आवास में 29 मार्च की सुबह लगभग 3:15 बजे उनके पति की हत्या कर दी गई, जबकि यह अत्यधिक सुरक्षित सैन्य क्षेत्र का हिस्सा है। इससे पहले 14 मार्च की रात भी घुसपैठ की कोशिश की गई थी। इसके बाद उनके पति ने वायु सेना के अधिकारियों को सतर्क करते हुए अपनी सुरक्षा की चिंता जताई थी। औपचारिक रूप से सुरक्षा बढ़ाने का अनुरोध भी किया था। पुलिस ने जो दावा किया है उसमें सच्चाई नहीं है। हत्या के पीछे गहरी साजिश है।