चैत्र नवरात्र की महाअष्टमी तिथि पर मां विंध्यवासिनी के दिव्य स्वरूप के दर्शन को श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा रहा। विंध्य धाम पहुंचे नर नारियों ने माता के चरणों में शीश नवाकर आशीर्वाद मांगा। विंध्य क्षेत्र में श्रद्धालुओं और साधकों द्वारा विधि विधान पूर्वक वैदिक मंत्रोच्चार बीच हवन पूजन अनुष्ठान का दौर निरंतर चलता रहा। गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के बाद मंदिर पहुंचे भक्तों ने भक्ति भाव से मां भगवती की चौखट पर मत्था टेक कर मंगल कामना की। हवन कुंड और मंदिर के गुंबद व शिखर का परिक्रमा करके भक्तों ने पुण्य कमाया। फूल पत्तियों और चुनरी से देवी मंदिरों की सजावट अलौकिक छटा बिखेर रही थी। मां विंध्यवासिनी धाम में दर्शन पूजन करने के बाद में भक्तों ने अष्टभुजा पहाड़ पर विराजमान महाकाली माता, अष्टभुजी देवी, माता तारा देवी धाम में जाकर दर्शन पूजन किया।