प्रदीप बच्चन(ब्यूरो चीफ)
बलिया(यूपी) नव भारतीय नारी विकास समिति बहेरी बलिया ने बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण की दिशा में अहम कदम उठाया है। शीर्ष अदालत ने इस फैसले के खिलाफ जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) की विशेष अनुमति याचिका को स्वीकार करते हुए उसे पीड़िता की पैरवी की इजाजत दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बच्ची से बलात्कार के प्रयास के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर तीखी टिप्पणियों के साथ सुप्रीम कोर्ट की रोक को गैर सरकारी संगठन"नव भारतीय नारी विकास समिति" बहेरी (बलिया) ने बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण की दिशा में अहम कदम उठाया है।शीर्ष अदालत ने पीड़िता की पैरवी की इजाजत दे दी हैं।जानकारी के अनुसार
बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 416 जिलों में काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों का नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) इस कानूनी लड़ाई की अगुआई करेगा ताकि पीड़िता की गरिमा और अधिकारों की रक्षा हो सके और उसके साथ न्याय सुनिश्चित बोला।बलिया में बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए कार्य कर रहा नव भारतीय नारी विकास समिति, जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन का एक अहम सहयोगी है। नव भारतीय नारी विकास समिति के सचिव अजहर अली ने कहा, अगर देश में एक भी बच्चा अन्याय का शिकार है तो जेआरसी उसके साथ है। न्यायपालिका बच्चों के अधिकारों के प्रति संवेदनशील है जो सुप्रीम कोर्ट के मामले का स्वतः संज्ञान लेने से स्पष्ट है। जेआरसी अब इस बच्ची को न्याय दिलाने के प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ेगा