न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का तबादला निरस्त करने की मांग पर अड़े इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं का आंदोलन लगातार चौथे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। हाईकोर्ट के मुख्य गेट पर सभा करके हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव विक्रांत पांडेय और वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश खरे ने कहा कि जब तक उनकी समस्या का कोई सकारात्मक हल नहीं निकलता है तब तक वकीलों की हड़ताल जारी रहेगी। अधिवक्ताओं मांग है कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का स्थानांतरण रद्द किया जाए, न्यायमूर्ति गण के मित्र और परिवार का उसी न्यायालय में प्रैक्टिस रोका जाए, लिस्टिंग की नई व्यवस्था में तत्काल प्रभाव से परिवर्तन किया जाए, फ्रेश और सूचीबद्ध मुकदमो की सूची में पहले दाखिल हुए मुकदमो पहले सुनवाई के लिए सूची बद्ध करने की मांग शामिल है। इस मौके पर अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, अखिलेश कुमार मिश्र, सुभाष चंद्र यादव, नीरज त्रिपाठी, नीलम शुक्ला, सुमित कुमार श्रीवास्तव, अभिजीत पांडेय, पुनीत कुमार शुक्ला, आंचल ओझा, रणविजय सिंह, उदिशा त्रिपाठी, मनीषा सिंह, किरन सिंह, अभिषेक मिश्र, अवधेश, अभिषेक तिवारी आदि मौजूद रहे। हड़ताल के बावजूद काम करने पर बार सख्त
हड़ताल के बावजूद तथाकथित वकीलों द्वारा आंदोलन को नजरअंदाज कर न्यायिक कार्य करने पर हाईकोर्ट बार ने सख्त रुख अख्तियार किया है। ऐसे अधिवक्ताओं की सदस्यता को तत्काल निलंबित करते हुए उनको नोटिस जारी किया गया है। दो दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है। बार ने चेतावनी दी है कि दो दिन में स्पष्टीकरण न मिलने पर ऐसे अधिवक्ताओं की सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी और हाईकोर्ट से उनका एडवोकेट रोल निरस्त करने के लिए आग्रह किया जाएगा।