लखनऊ: 21 मार्च , 2025
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने रूस की राजधानी मास्को में 18-20 मार्च तक आयोजित ‘मास्को अंतरराष्ट्रीय यात्रा एवं पर्यटन प्रदर्शनी 2025’ (एमआइटीटी) में जोरदार उपस्थिति दर्ज कराई है। यूपी पर्यटन विभाग के मंडप में विभिन्न देशों के व्यवसायियों ने प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों, टूर पैकेज और सुविधाओं की जानकारी ली। ताजमहल सहित अन्य आकर्षणों के बारे में भी आगन्तुको में उत्सुकता देखने को मिली।
यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि ‘प्रदर्शनी मंडप में स्टॉल लगाए गए थे, जिसमें अंग्रेजी और रूसी भाषा में उत्तर प्रदेश की थीम पर आधारित सजावट थी। इसमें धार्मिक-आध्यात्मिक सर्किट, ईको सर्किट, महाभारत सर्किट, जैन सर्किट, हस्तशिल्प और ऐतिहासिक धरोहर सहित अन्य पर्यटन आकर्षण को प्रदर्शित किया गया। मंडप में वीवीआईपी लॉन्ज, डिजिटल स्क्रीन, एआर इंटरैक्टिव टच पैनल और सेल्फी जोन जैसी सुविधाएं थीं, जहां उत्तर प्रदेश की सुंदर पृष्ठभूमि प्रदर्शित की गई। अंतरराष्ट्रीय टूर ऑपरेटरों, निवेशकों और अन्य हितधारकों के साथ बी-टू-बी बैठक आयोजित की गई। पीआर किट का वितरण किया गया, जिसमें अंग्रेजी और रूसी भाषा में ब्रॉशर, लघु फ़िल्में और डिजिटल सामग्री शामिल थीं।
जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन के प्रचार-प्रसार के तहत पर्यटन यात्रा कार्यक्रमों, वेबसाइटों और मोबाइल एप्लिकेशन का प्रदर्शन किया गया। राज्य को ‘भगवान बुद्ध की धरती’ और ‘सांस्कृतिक त्योहारों की भूमि’ जैसे प्रमुख स्लोगनों के साथ प्रस्तुत किया गया। मंडप में आने वाले अधिकतर पर्यटकों ने अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज, आगरा, दुधवा नेशनल पार्क, बुंदेलखंड, कुशीनगर, सारनाथ सहित अन्य स्थलों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। मंडप में आने वाले पर्यटकों को बताया गया कि उ0प्र0 में रेल, वायु तथा जलमार्ग की बेहतर कनेक्टिविटी है।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्य को एक प्रमुख वैश्विक पर्यटन गंतव्य के रूप में प्रचारित करना था। इसका लक्ष्य उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आध्यात्मिक पर्यटन और विविध यात्रा अनुभवों को प्रदर्शित कर अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और निवेशकों को आकर्षित करना है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ जैसे आयोजन करके वैश्विक मंच पर भारत की धार्मिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक चेतना को प्रदर्शित किया। इस महाकुंभ में विभिन्न देशों के राजदूत से लेकर सनातनी आस्था में विश्वास रखने वालों की भारी भीड़ रही। इस महाकुंभ का प्रबंधन एवं सफल आयोजन पूरी दुनिया के लिए कौतुहल का विषय बना हुआ है। मास्को में पर्यटन विभाग के मंडप में महाकुंभ के बारे में जानकारी प्राप्त करने तथा अपना अनुभव सांझा करने के लिए आगन्तुकों की भारी भीड़ देखने को मिली।