वरिष्ठ पत्रकार ब्यूरो चीफ मनोज तिवारी के साथ राजेश उपाध्याय की नजर से
मिल्कीपुर/ अयोध्या
मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की तस्वीर लगभग साफ होती दिखाई पड़ रही है यहां पर विरासत बचाने के लिए उतरे सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे व समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी बनाए गए अजीत प्रसाद का चुनाव फंस गया है, उनके ऊपर अयोध्या की अस्मिता बनाम पीडीए की लड़ाई में अयोध्या की अस्मिता हाबी होती दिखाई पड़ रही है जबकि भाजपा से चन्द्र भानु पासवान मजबूती से डटे हुए हैं,चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद मतदाताओं से की गई बात के बाद यह बात सामने निकल कर आई की अस्मिता और अयोध्या की मर्यादा के सामने विरासत बौनी लग रही है।
अमानीगंज मिल्कीपुर और हैरिंग्टनगंज विकास खंड से मिलकर बनी मिल्कीपुर विधानसभा का वोटिंग पैटर्न तीनों विकास खण्डों में अलग-अलग देखने को मिलता है, जहां एक और अमानीगंज विकासखंड में समाजवादी पार्टी बहुत मुश्किल जीत की दहलीज तक पहुंच पाती है, तो वहीं मिल्कीपुर में उसका बराबरी का सामना रहता है ,जबकि हैरिंग्टनगंज गज विकासखंड में पहुंचकर वह अपनी विजय पताका फहरा देती है, लेकिन इस चुनाव में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिल रहा है अमानीगंज विकासखंड में भारतीय जनता पार्टी का जोर दिखाई पड़ रहा है तो वहीं मिल्कीपुर विकासखंड में वहां के ब्लॉक प्रमुख और प्रदेश के प्रतिष्ठित उद्योगपति के छोटे भाई टुनटुन सिंह के शामिल होने के बाद मिल्कीपुर विकासखंड में भी भाजपा लीड लेते हुए दिखाई पड़ रही है , आरोप प्रत्यारोपण के बीच मचे चुनावी घमासान में आम मतदाताओं में यह बात घर कर गई है कि इस बार अयोध्या के मान सम्मान को बचाना है। रही बात हैरिंग्टनगंज विकासखंड की तो वहां भी पार्टी ने वोट प्रबंधन और पन्ना प्रमुखों से लेकर के हारे जीते हुए प्रधानों एवं अन्य छोटे जनप्रतिनिधियों पर पूरा फोकस किया है। मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में वैसे तो दस प्रत्याशी है लेकिन सूरज चौधरी को छोड़ कर किसी प्रचार सड़क पर दिखाई नहीं दिया।
मिल्कीपुर विकास के पैमाने पर भी अपनी पहचान बन चुका है, उपचुनाव में जहां एक और भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी ने जोर-शोर से चुनावी कंपेन शुरू किया वहीं अन्य प्रत्याशियों का कहीं कोई जोर दिखाई नहीं पड़ा । पूरे दमखम के साथ दोनों पार्टियों ने चुनाव प्रचार अभियान चलाया मिल्कीपुर चुनाव में सर्वाधिक ब्राह्मण मतदाता हैं और उनकी अन्य सामान्य मतदाताओं के साथ मिलकर संख्या लगभग एक लाख पच्चीस हजार बताई जाती है वहीं पिछडी जाति के भी सर्वाधिक यादव मतदाताओं के साथ अल्पसंख्यक मतदाताओं को लेते हुए उनकी संख्या 1 लाख तीस हजार के करीब पहुंच जाती है जबकि दलित वर्ग में पासी वर्ग के मतदाताओं की संख्या 55 हजार को लेते हुए अन्य जातियों के साथ लगभग 1 लाख बीस हजार बताई गई है, ऐसे में अन्य पिछड़ा वर्ग व अन्य दलित वर्ग की वोटो का एक बड़ा समूह चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने जा रहा है, भारतीय जनता पार्टी ने सामान्य मतदाताओं में प्रवासी मतदाताओं की पहचान करते हुए उन्हें मतदान केदो पर लाने के लिए भी व्यापक रणनीति पहले से ही बना रखी है, आपको यह भी बता बता दें कि मिल्कीपुर विधानसभा के लगभग 5 से 10 हजार मतदाता अयोध्या फैजाबाद नगर में निवास करते हैं रायबरेली नाका बाईपास के पास बड़ी संख्या में मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता रहते हैं जहां दोनों पार्टियों ने चुनाव अभियान चला कर उनका चुनाव के दिन क्षेत्र में जाकर वोट देने के लिए प्रेरित किया है।
अब सबसे बड़ी बात यह है कि एक और जहां फैजाबाद के सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता अवधेश प्रसाद अपनी विरासत अपने बेटे अजीत प्रसाद को सौंपने के लिए ताल ठोक रहे हैं और उनके नेता अखिलेश यादव ने भी मिल्कीपुर के कल्याणपुर में जनसभा करके अपने समर्थकों में जोश बढ़ाने का काम किया है वहीं दूसरी ओर पांच बार से अधिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके आधा दर्जन मंत्रियों के साथ तमाम विधायकों ने भी क्षेत्र में सघन जनसंपर्क अभियान चलाया मिल्कीपुर में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए दोनों पार्टियों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी समाजवादी पार्टी ने जहां डिंपल यादव का रोड शो आयोजित किया तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने ब्राह्मण मतों में अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी खब्बू को भी चुनावी मैदान में उतार दिया जिनके आने से मिल्कीपुर अमानीगंज और हैरिंग्टनगंज की चुनावी फिजा बदली बदली सी दिखाई पड़ रही है क्योंकि यहां पर अलग-अलग खेमे में बंटने वाले ब्राह्मण मतदाता लामबंद दिखाई पड़ रहे हैं, अब कल चुनाव में मतदान हो जाएगा और 8 फरवरी को मतदान का परिणाम सामने होगा लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार मिल्कीपुर में बदलाव की बयार साफ दिखाई पड़ रही है, यहाँ बड़ी जीत के साथ परिवर्तन होने जा रहा है।