बहुचर्चित ज्योति हत्याकांड के दोषी आशीष कश्यप को कानपुर पुलिस पूरे प्रदेश में ढूंढ रही है, वह हरियाणा में फरीदाबाद जिला जेल में धोखाधड़ी के मामले में बंद है। इस बात की जानकारी पुलिस को तब मिली जब वह हाल ही में आरोपी के काकादेव स्थित घर पहुंची। पूछताछ के दौरान परिवार वालों ने उसके जेल में होने की बात बताई। इससे पहले तक पुलिस विभिन्न जिलों में उसकी तलाश में दबिश देने में जुटी थी। अब पुलिस उसे कानपुर लाने और कोर्ट में पेश करने के लिए कवायद में जुट गई है। काकादेव के पांडुनगर निवासी बिस्कुट कारोबारी प्रकाश श्यामदासानी की बहू ज्योति की 27 जुलाई को अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने जांच के बाद मामले में ज्योति के पति व प्रकाश के बेटे पीयूष को साजिश के तहत भाड़े के हत्यारों से हत्या करवाने का खुलासा किया था। इस चर्चित हत्याकांड में अपर जिला जज की अदालत ने 21 अक्तूबर 2022 को पीयूष श्यामदासानी, सोनू कश्यप, रेनू उर्फ अखिलेश कनौजिया, आशीष कश्यप, अवधेश चतुर्वेदी और मनीषा माखीजा को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। दोषियों ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने 29 नवंबर 2024 को अपील का निस्तारण कर दिया था। इसमें मनीषा माखीजा को दोषमुक्त करार दिया गया था। बाकी पांचों की सजा को बरकरार रखा गया था। पीयूष , सोनू और रेनू जेल में बंद थे। अवधेश और आशीष को अपील के दौरान हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। हालांकि बाद में अपील खारिज होने के बाद अवधेश और आशीष ने सेशन कोर्ट में समर्पण नहीं किया था। 7 फरवरी को अपर जिला जज ने दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था। 13 फरवरी को स्वरूपनगर पुलिस ने अवधेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं, आशीष पुलिस के हाथ नहीं आ रहा था।
हाल ही में पुलिस जब आरोपी के काकादेव के पांडुनगर में रामचरन की मढ़इया स्थित घर पर दबिश दी तो परिजनों ने बताया कि उसे हरियाणा पुलिस ने फरीदाबाद के बल्लभगढ़ साइबर क्राइम थाने में 19 मार्च 2024 को दर्ज धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उनका इस्तेमाल करने के मामले में करीब तीन महीने पहले दबोचा था। तब से वह फरीदाबाद की जिला जेल में बंद है। इंस्पेक्टर सूर्यबली पांडेय ने बताया कि आरोपी के फरीदाबाद जिला जेल में बंद होने की जानकारी मिली है। तस्दीक कराने के लिए टीम भेजी जा रही है। साथ ही उसे कानपुर लाकर कोर्ट में पेश करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
हत्यारों और पीयूष के बीच मध्यस्थ था आशीष


