विरासत संपत्तियों को पर्यटकों के लिए उपयोगी बनाएगा पर्यटन विभाग।
Type Here to Get Search Results !

Advertisement

Acrc institute Acrc instituteAcrc institute

Recent Tube

विरासत संपत्तियों को पर्यटकों के लिए उपयोगी बनाएगा पर्यटन विभाग।



लखनऊ: 04 नवम्बर, 2024

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग राज्य की विरासत संपत्तियों को उपयोगी बनाएगा, ताकि इसकी सुरक्षा-संरक्षण के साथ-साथ राजस्व की भी प्राप्ति हो। इसी क्रम में छतर मंजिल लखनऊ, चुनार का किला मीरजापुर और बरुआसागर किला झांसी को पीपीपी मोड पर विकसित किया जाएगा। कैबिनेट ने सोमवार को इसकी मंजूरी दे दी। यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति जयवीर सिंह ने दी।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि गौरवशाली ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासतों तथा समृद्ध प्राकृतिक वन संपदा की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। अनुकूली पुनः उपयोग (।कंचजपअम त्म.न्ेम) के अंतर्गत निजी निवेश द्वारा प्रदेश सरकार के 01 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य प्राप्ति की परिकल्पना में मददगार होगा। प्रदेश के प्राचीन तथा विरासत भवनों को एडाप्टिव री-यूज के अंतर्गत सार्वजनिक निजी सहभागिता पीपीपी मॉडल पर हेरिटेज होटल, रिजार्ट, म्यूजियम, माइस एवं टूरिज्म हॉस्पिटैलिटी आदि पर्यटन इकाई के रूप में विकसित की जाएगी। पहले से तीन परिसंपत्तियों बरसाना जल महल मथुरा, कोठी, रोशन-उद-दौला लखनऊ और शुक्ला तालाब के सन्निकट बारादरी कानपुर को पीपीपी के तहत विकसित किया जा रहा है।

श्री जयवीर सिंह ने बताया कि लखनऊ में 5.55 एकड़ में स्थित छतर मंजिल, मीरजापुर जिले में 21.94 एकड़ में स्थित चुनार किला और झांसी जिले में 7.39 एकड़ में स्थित बरुआ सागर किला को पीपीपी मोड पर दिया जा रहा है। इसकी निविदा पूरी हो चुकी है। इन्हें पहले 30 वर्षों, फिर 30-30 वर्षों के लिए दो बार नवीनीकरण किया जा सकेगा, जिसकी अधिकतम सीमा 90 वर्ष होगी। उन्होंने बताया कि चयनित निविदादाताओं द्वारा विरासत भवन में स्थलों को संरक्षित करते हुए पौराणिक, ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को पर्यटकों एवं जन सामान्य के मध्य प्रसारित किया जाएगा। विरासत भवनों या किलों में स्थित धार्मिक स्थलों का विकास एवं जीर्णाेद्धार और संपर्क मार्ग का निर्माण किया जाएगा। चयनित निविदादाताओं द्वारा स्थानीय विकास और रोजगार सृजन हेतु समीपवर्ती गांव को गोद लिया जाएगा तथा यहां के समुचित विकास हेतु कार्य किए जाएंगे। 25 प्रतिशत स्थानीय नागरिकों को रोजगार दिया जाएगा।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट) प्रदर्शित करने के लिए मार्ट विकसित किया जाएगा। इसके विरासत सपंत्ति के ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने के लिए डिस्प्ले एरिया भी विकसित की जाएगी, जो कि जन सामान्य के लिए खुला रहेगा। पर्यटकों को यहां स्थानीय व्यंजन भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि बागपत जिले में पीपीपी मोड पर योग और आरोग्य केंद्र की स्थापना कराई जाएगी। इसके निर्माण के लिए कैबिनेट ने 68.40 हेक्टेयर भूमि क्रय किए जाने तथा ग्राम सभा की 1.069 हेक्टेयर भूमि को पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित करने की मंजूरी दी है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies