फाफामऊ: ललही छठ (हल छठ) का त्योहार रविवार को श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया गया। महिलाओं ने पुत्रों के लिए व्रत रख कर उनकी दीर्घायु और संपन्नता की कामना की। जगह-जगह महिलाओं ने समूह में इकट्ठा होकर विधिवत पूजा अर्चना की। फाफामऊ में रविवार को ललही छठ पर्व पर मोहल्ले और गांव की महिलाओं ने समूह बनाकर तालाब, पोखर, कुएं व मंदिरों के पास कुश गाड़कर विधिवत पूजा अर्चना की। समूह में महिलाओं ने एक-एक कर छठ माता के महात्म्य की कहानी सुनाई। यह पर्व जिले में श्रद्धा के साथ मनाया गया।
छठ व्रत के सम्बन्ध में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं; उनमें से एक कथा के अनुसार जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गये, तब श्री कृष्ण द्वारा बताये जाने पर द्रौपदी ने छठ व्रत रखा। तब उनकी मनोकामनाएँ पूरी हुईं तथा पांडवों को उनका राजपाट वापस मिला। लोक परम्परा के अनुसार सूर्यदेव और छठी मइया का सम्बन्ध भाई-बहन का है।
शहर के साथ ही ग्रामीण अंचल के लंभुआ, जयसिंहपुर व कादीपुर तहसीलों में भी रविवार को ललही छठ का त्योहार श्रद्धा व उल्लासपूर्वक मनाया गया।