संविधान सम्मान के बहाने पिछड़ों, अनुसूचित जाति को साध गए राहुल, कांग्रेसियों में दिखा खासा उत्साह
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संविधान सम्मान के बहाने पिछड़ों, अनुसूचित जाति को साध गए राहुल, कांग्रेसियों में दिखा खासा उत्साह

 


लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह जाति जनगणना कराकर 90 फीसदी वंचित वर्ग को सिस्टम में भागीदारी दिलाएंगे। देश में 50 प्रतिशत आरक्षण के बैरियर को भी तोड़ेंगे। इन्हें भागीदारी नहीं देंगे तो संविधान नहीं बचेगा, क्योंकि संविधान 10 फीसदी ने नहीं, 100 फीसदी ने बनाया है। केंद्र पर हमलावर राहुल ने कहा, हमें मोदी मॉडल से देश को बचाने की जरूरत है। मोदी महाराजा-शहंशाह मॉडल चलाना चाहते थे, लेकिन मैंने उनको संविधान को माथे पर लगाने के लिए मजबूर कर दिया।

इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के कन्वेंशन सेंटर में सिविल सोसाइटी की ओर से आयोजित संविधान सम्मान सम्मेलन में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन जाकर गले लगने से भारत सुपर पावर नहीं बन सकता। इसके लिए आर्थिक, सामाजिक और जातिगत सर्वे कराकर दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों की भागीदारी तय करनी होगी।

कहा, देश के माहौल को देखते हुए यह काम पीएम को तुरंत कर देना चाहिए, वरना आने वाला दूसरा प्रधानमंत्री इसे कर देगा। बकौल राहुल गांधी, जातिगत जनगणना सिर्फ गिनती भर नहीं है। इसके जरिए धन के वितरण, न्यायपालिका, नौकरशाही और मीडिया में भागीदारी का भी आकलन हो सकेगा। मैंने मिस इंडिया की लिस्ट देखी, वहां न कोई दलित है, न आदिवासी या पिछड़ी महिला।

मेरा विजन है कि हिंदुस्तान में धन किस तरह बांटा जा रहा है, यह सामने आना चाहिए। ओबीसी के हाथ में कितना है, दलितों के हाथ में कितना है, मजदूरों के हाथ में कितना है। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिया है। इनमें कोई भी दलित, ओबीसी व आदिवासी नहीं है। हम इनके लिए विशेष बैंक बनाएंगे।

हमारा काम 100 फीसदी लोगों की मदद करना है। इसके लिए हमें सूचनाएं और डाटा चाहिए। जातीय जनगणना, सोशल-इकोनाॅमिकल सर्वे, इंस्टीट्यूशन सर्वे कराएंगे। कार्यक्रम का संचालन शरद यादव की बेटी सुहासिनी यादव ने किया।

राहुल बोले, भाजपा ही मेरी सियासी गुरु

राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी को मैं अपना गुरु मानता हूं, इसलिए कि भाजपा वालों ने मुझे बहुत तंग किया। इससे मुझे राजनीति में बहुत कुछ सीखने का मौका मिला। उन्होंने मुझे क्या करना है, क्या नहीं करना है, सिखा दिया है।


युवाओं के हाथ में रही व्यवस्था

आयोजन में राहुल गांधी की कोर टीम के अलावा युवाओं को तरजीह दी गई। लोगों को सभागार में प्रवेश देने से लेकर उन्हें बैठाने तक की जिम्मेदारी युवाओं के हाथ में रही। इनमें प्रदेश महासचिव विवेकानंद पाठक, मुकुंद तिवारी, हसीब अहमद, अजय यादव सम्राट आदि शामिल रहे। सम्मेलन में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में युवाओं को पास भी जारी किया गया था। सभागार के ऊपरी मंजिल पर तो युवाओं की ही भीड़ रही।

 

छात्रसंघ बहाली की मांग

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेता अजय सम्राट ने छात्रसंघ बहाली का मांगपत्र राहुल गांधी को सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से शिक्षक भर्ती में अनियमितता समेत अन्य मुद्दे भी उठाए।



आते ही राहुल ने कुर्सी से हटा दी तौलिया

 

मंच पर एक दर्जन कुर्सियां रखी थीं। इनमें से सिर्फ एक कुर्सी पर तौलिया लगाई गई थी। वहीं, राहुल गांधी ने आते ही उस पर से भी तौलिया हटा दी। इसके बाद बैठे।

 

अव्यवस्था से रही नाराजगी, कुर्सी से उठाए गए लोग

 

संविधान सम्मान सम्मेलन में अव्यवस्था भी हावी रही। स्थिति यह रही महिला सशक्तीकरण पर पैनल डिस्क्शन के दौरान अतिथियों को बैठाने के लिए आगे की कतार से कई लोगों को उठाना पड़ा। खास यह कि इनमें कई बड़े नेता एवं शहर के प्रतिष्ठित लोग भी शामिल रहे। इसके बावजूद अलग-अलग पैनल डिस्कशन में शामिल कई लोगों को कुर्सी नहीं मिली। सम्मेलन में अलग-अलग विषयों पर पांच पैनल डिस्कशन कराए जाने थे। इनके वक्ताओं के लिए सभागार के एक तरफ की कुर्सियां सुरक्षित की गई थीं, लेकिन उन पर अन्य लोग बैठ गए। खास यह कि बैठते समय उन्हें नहीं रोका। ऐसे में राहुल गांधी के आगमन से पहले उन्हें हटाया जाने लगा।

इस दौरान महिला सशक्तीकरण पर पैनल डिस्कशन भी चल रहा था। कुर्सियों पर से लोगों को उठाए जाने की वजह से काफी शोर होने लगा। इसकी वजह से डिस्कशन की आवाज भी दब गई। इसे लेकर संचालक ने कई बार तीखी टिप्पणी भी की, लेकिन शोर होता रहा। इस अव्यवस्था से लोगों में काफी नाराजगी रही। यही स्थिति सभागार में प्रवेश को लेकर भी रही। शहर के कई वरिष्ठ नेताओं को सभागार में प्रवेश नहीं दिया गया। इससे उनमें नाराजगी रही तथा तीखी झड़प भी हुई। 



चार पैनल डिस्कशन में जातिगत गणना संग 50 फीसदी आरक्षण का बैरियर तोड़ने की मांग

संविधान सम्मान सम्मेलन के अंतर्गत अलग-अलग विषयों पर आयोजित चार पैनल डिस्कशन में वक्ताओं ने जाति जनगणना व जनसंख्या के हिसाब से भागीदारी का संकल्प पारित किया। बेरोजगारी पर चिंता जाहिर करते हुए वक्ताओं ने 50 फीसदी आरक्षण के बैरियर को तोड़ने की बात भी कही।

पहले पैनल डिस्कशन में वक्ताओं ने सर्वसम्मति से जातिगत जनगणना कराने का संकल्प पारित किया। दूसरे पैनल डिस्कशन में वक्ताओं ने बेरोजगारी पर चिंता जताई। सभी के लिए शिक्षा की बात कही। साथ ही रोजगार की गारंटी की मांग का संकल्प पारित किया। तीसरे पैनल डिस्कशन में सामाजिक समरसता पर चर्चा हुई। केके राय ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की। प्रो. विक्रम ने सरकारी एवं निजी संस्थाओं में पिछड़ों, अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व बढ़ाने, संस्थाओं में जाति के नाम पर भेदभाव करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

महिला सशक्तीकरण के मुद्दे पर हुए पैनल डिस्कशन में सरिता ने महिलाओं के अपमान, वन स्टॉप सेंटर के लिए कोई बजट न होने, सदफ ने घरेलू हिंसा, चंद्रा यादव ने एमडीएम बनाने वाली रसाइयों के उत्पीड़न आदि मुद्दे उठाए। मोहब्बत की दुकान विषय पर भी पांचवां पैनल डिस्कशन होना था,लेकिन महिला सशक्तीकरण के दौरान ही राहुल गांधी का आगमन हो गया। इसकी वजह से पांचव डिस्कशन स्थगित कर दिया गया। 

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