धर्म की व्याख्या के ग्रंथ यथार्थ गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए - सोहमानंद
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धर्म की व्याख्या के ग्रंथ यथार्थ गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए - सोहमानंद



 यथार्थ गीता के अध्ययन से होता है शंकाओं का समाधान- मनोज सिंह उर्फ गुड्डू

(कचहरी में अधिवक्ताओं को वितरित की गई यथार्थ गीता)

मनोज तिवारी ब्यूरो प्रमुख अयोध्या

फैजाबाद बार एसोसिएशन अयोध्या के सभागार में गुरुवार को यथार्थ गीता पुस्तक अधिवक्ताओं को वितरित की गयी।

अधिवक्ताओं को यथार्थ गीता पुस्तक के वितरण के समय अपने संबोधन में मिर्जापुर से आए स्वामी अड़गड़ानंद के शिष्य सोहमानंद ने कहा कि दुनिया का निर्विवाद धर्म ग्रंथ यथार्थ गीता है। धर्म की व्याख्या , धर्म का संदेश तथा योग क्या है का वर्णन किया गया है। इसमें भूत , भवानी , ग्रह व धर्म के नाम पर पाखंड , जीवन यापन में आने वाली उलझन से समाधान का रास्ता दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा धर्म के नाम पर विवाद व युद्ध हुआ है। धर्म के नाम पर मजहब व आतंकवाद से मुक्ति का तरीका भी ग्रंथ में उल्लिखित है। धर्म को लेकर पूरे विश्व में हो रहे झगड़े यथार्थ गीता के अध्ययन से समाप्त हो सकते हैं। वर्तमान में अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे विश्व से लोग आ रहे हैं इसलिए मानव के कल्याण के लिए अयोध्या नगर में अब तक यथार्थ गीता की 25 हजार प्रतियों का वितरण हो चुका है। इसके पूर्व भी धर्म जागरण के लिए हरिद्वार व प्रयागराज के कुंभ में यथार्थ गीता का वितरण किया गया है। इस ग्रंथ को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एसएन श्रीवास्तव विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष स्व0 अशोक सिंघल तथा काशी विद्वत परिषद द्वारा प्रशंसा भी की गई है।यथार्थ गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाना चाहिए।

वही पुस्तक वितरण के दौरान फैजाबाद अंबेडकर नगर क्षेत्र से एमएलसी रहे मनोज कुमार सिंह उर्फ गुड्डू ने यथार्थ गीता के संबंध में बोलते हुए कहा कि अपने अधिकारों के लिए धर्म युद्ध करने की प्रेरणा इस ग्रंथ में मिलती है। मानव जीवन के आंतरिक युद्ध के समाधान का निराकरण भी ग्रंथ में बताया गया है। किसी भी प्रकार की शंकाओं का समाधान ग्रंथ के पढ़ने से हो जाता है। 500 वर्षों के संघर्ष के पश्चात अयोध्या में रामलला अपने भव्य मंदिर में जा रहे हैं। इस संघर्ष में अधिवक्ताओं की अहम भूमिका रही है।

इसके पहले स्वामी सोहमानंद व पूर्व एमएलसी मनोज कुमार सिंह द्वारा संघ के अध्यक्ष पारस नाथ पाण्डेय को यथार्थ गीता ग्रंथ देकर शुभारंभ किया गया। तत्पश्चात कचहरी के सभी अधिवक्ताओं व पत्रकारों को ग्रंथ वितरित किया गया।

यथार्थ गीता वितरण में संघ के कोषाध्यक्ष मुन्ना सिंह कार्यकारिणी सदस्य दीपक तिवारी योगेश पाण्डेय अशोक कुमार सिंह जयप्रकाश शर्मा तथा स्वामी के साथ आए धर्मेंद्र सिंह काजू अतुल सिंह अभिषेक सिंह रघुकुल पाण्डेय दिनेश यादव उमेश द्विवेदी राजकिशोर उपाध्याय पप्पू जायसवाल ने सहयोग किया।

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