वाराणसी. यूक्रेन- रूस युद्ध में फंसे भारतीय नागरिकों पर इसका सीधा असर तो हो ही रहा है पर इसके साथ साथ इसका असर पूर्वांचल की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है. प्रत्यक्ष रूप से मेडिकल के छात्रों के साथ जो हो रहा है वो सामने है मगर यहां अपने देश में रह रहे लोग जिनकी आजीविका बाहर के देशों में सामानों के निर्यात से जुड़ी है वो भी परेशान हैं. बनारसी साड़ी और भदोही की कारपेट के अलावा बहुत से सामान है जिनका निर्यात यूक्रेन रूस सहित यूरोप के कई शहरों में होता था, उनका काम धंधा इस युद्ध के चलते फिलहाल चौपट हो गया है.
पूर्वांचल एक्सपोर्ट संघ के अध्यक्ष जुनैद खान का मानना है कि करीब ढाई सौ करोड़ के आर्डर रद्द होने की कगार पर हैं. उनका कहना है कि यहां के कारपेट, वाल हैंगिग, दरी बनारसी साड़ी, हैंडीक्राफ्ट , गुलाबी मीनाकारी, लकड़ी के खिलौने अमेरिका, रूस सहित यूरोप के अन्य देशों में भेजे जाते हैं. मगर युद्ध के तनाव को देखते हुए फरवरी की शुरूआत से ही निर्यात का काम काफी धीमा पड़ गया था. अब तो आर्डर कैंसिल होने लगे हैं. अशोक कपूर बड़े एक्सपोर्टर हैं इनका कहना है कि रूस पर जिस तरह से प्रतिबंध लगाए गए हैं और अन्तर्राष्ट्रीय बाजार ऊपर-नीचे हो रहा है. उसका सीधा असर हम लोगों के काम पर पड़ रहा है. फरवरी मध्य तक हमारे निर्यात के आर्डर रोक दिए गए थे मगर अब तो चालीस प्रतिशत तक आर्डर कैंसिल भी कर दिए गए हैं.आबिद इनका भदोही में कालीन का व्यवसाय है, इनका कहना है कि यूरोप के कई देशों में हमारी कालीन का निर्यात होता है. इस युद्ध के चलते पच्चीस प्रतिशत तक आर्डर कैंसिल हो चुके हैं बाकी होल्ड पर है. अगर कुछ दिन और ऐसा ही चला तो बाकी के आर्डर भी कैंसिल हो जाएंगे. जब आगे से पैसा नहीं मिलेगा तो कारीगरों को कितने दिन तक हम बिठाकर तनख्वाह दे पाएगें. बड़ी मुश्किल से दो साल के कोरोना काल के बाद चीजें ठीक होनी शुरू हुई थीं, ऊपर वाले से दुआ कीजिए, परिस्थितयां जल्दी सुधरें.इदरीस जरदोजी का काम करते हैं उनका पूरा परिवार ही उनकी कमाई से चलता है इस युद्ध के चलते उनका पूरा परिवार परेशान है क्योंकि कोरोना महामारी ने कमर वैसे ही तोड़ दी थी अब फिर से फैक्ट्री में फिलहाल काम को पन्द्रह दिन के लिए रोका गया है. इदरीस कहते हैं कि अगर ये लड़ाई लंबी चली तो परिवार पालने की दिक्कत हो जाएगी. आपको बता दें ब्लैक सी पोर्ट एशिया और पश्चिमी देशों के बीच आयात निर्यात का सबसे बड़ा रास्ता है मगर इस युद्ध के चलते शिपिंग कम्पनियों ने यहां से जहाजों का आवागमन रोक रखा है. जिसका सीधा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता दिख रहा है. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन में फंसे लोगों को देश तक सही सलामत लाने के लिए आपरेशन गंगा चला रखा है. अभी तक बारह हजार भारतीय सकुशल वापस घर आ चुके हैं.