गोण्डा। जिले के कर्नलगंज मंडी परिसर में बुधवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर बड़ी संख्या में दुकानों को ध्वस्त कर दिया, जबकि दुकान संख्या–50 के संबंधित दुकान को मंडी समिति से विधिवत आवंटन प्राप्त और मामले में हाईकोर्ट से स्टे आदेश भी जारी बताया जा रहा है। दुकान मालिक का आरोप है कि सभी वैध दस्तावेज और न्यायालय के आदेश दिखाने के बावजूद प्रशासन ने जबरन कार्रवाई की, जिससे न सिर्फ उनकी दुकान तोड़ी गई बल्कि लाखों रुपये का फल, सब्जी आदि तमाम सामान भी नष्ट हो गया। वहीं मंडी में कार्यरत एक संविदा कर्मी राहुल सिंह पर रुपए लेकर दुकानें अवैध तरीके से गिरवाने का गंभीर आरोप लगाया गया है।
दुकान मालिक के गंभीर आरोप
पीड़ित दुकानदार ने मंडी समिति और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दुकान कानूनी रूप से मंडी समिति द्वारा आवंटित थी जिसका मामला न्यायालय में लंबित है और हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर प्रभावी है। इसके बावजूद बिना नोटिस और मनमानी तरीके से बुलडोजर चलाया गया। राईन फ्रूट के संचालक दुकानदार का कहना है कि यह कार्रवाई न्यायालय की अवमानना के साथ-साथ प्रशासनिक मनमानी का स्पष्ट उदाहरण है।
व्यापारियों में रोष
घटना के बाद मंडी परिसर में मौजूद अन्य व्यापारियों में भी भारी आक्रोश देखने को मिला। व्यापारियों का कहना है कि यदि स्टे आदेश के बावजूद दुकानें तोड़ी जाएंगी, तो कोई भी व्यापारी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने निष्पक्ष जांच और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि वास्तव में हाईकोर्ट का स्टे आदेश लागू था, तो कार्रवाई किस आधार पर की गई? क्या यह न्यायालय के आदेशों की अवहेलना है या फिर स्टे की जानकारी होने के बावजूद की गई जल्दबाजी? फिलहाल दुकानों को तोड़े जाने का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है और संभावना जताई जा रही है कि पीड़ित दुकानदार इस कार्रवाई के खिलाफ दोबारा न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है।
प्रशासन की सफाई-
एसडीएम नेहा मिश्रा का कहना है कि
लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि नवीन मंडी कर्नलगंज की जमीन पर अवैध निर्माण और कब्जे किए गए हैं, जिससे मंडी के संचालन और किसानों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। जांच के बाद अतिक्रमण को चिन्हित किया गया और नोटिस देने के उपरांत बुधवार को कार्रवाई अमल में लाई गई है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी।
