कानपुर में रुपयों के लालच में आकर मरवा दिया जिगर का टुकड़ा,पछतावा करती रही हत्यारी मां, बोली- एक्सीडेंट दिखाने की थी साजिश
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कानपुर में रुपयों के लालच में आकर मरवा दिया जिगर का टुकड़ा,पछतावा करती रही हत्यारी मां, बोली- एक्सीडेंट दिखाने की थी साजिश

 


कानपुर: कानपुर देहात में प्रदीप हत्याकांड में दो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को पुलिस ने हत्या की साजिश में शामिल मां को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के बाद पुलिस ने न्यायालय में पेश कर उसे जेल भेज दिया। पुलिस हिरासत में आरोपी मां रुपये के लालच में आकर सब कुछ तबाह होने की बात कह कर पछतावा करती नजर आई। बरौर थाना क्षेत्र के अंगदपुर निवासी प्रदीप (23) की 26 अक्तूबर की रात को हत्या कर शव कानपुर-इटावा हाईवे पर डेरापुर थाना क्षेत्र के बलहरामऊ के पास फेंक दिया था।

पुलिस ने मंगलवार रात को अंगदपुर निवासी ऋषि कटियार उर्फ भाटिया व बुधवार को उसके भाई मयंक उर्फ ईशू को गिरफ्तार कर खुलासा किया था। हत्या की योजना में प्रदीप की मां ममता का नाम भी प्रकाश में आया था। गुरुवार सुबह पुलिस ने ममता को उसके घर के बाहर से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में ममता ने बताया कि उसके पति संदीप की चार साल पहले मौत हो गई थी। इसके कुछ समय बाद उसके पड़ोसी मयंक उर्फ ईशू से संबंध हो गए। उसके साथ जीवन बिताने की चाह में ईशू ने शादी नहीं की और छोटे भाई ऋषि की शादी करवा दी। बीमा क्लेम का रुपया हम लोगों को मिल जाएगा

कई बार बेटे प्रदीप ने उसको ईशू के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। इसकी वजह से बेटे ने उससे दूरियां बना ली थीं। आंध्रप्रदेश में पानी पूरी बेचने का काम शुरू कर दिया था। जब भी वह घर आता था, तो अपने बाबा जगदीश नारायण के पास रहता था। ममता ने पुलिस को बताया कि उसने व ईशू ने प्रदीप के नाम पर अलग-अलग तारीख में चार बीमा पॉलिसी करवाई थीं। सभी पॉलिसी की कुछ किस्तें भी जमा की थी। दिवाली पर बेटा प्रदीप घर आने वाला था। यह जानकार उसने व मयंक ने मिलकर योजना बनाई कि प्रदीप की हत्या कर एक्सीडेंट से मृत्यु होना दर्शा दें, तो बीमा क्लेम का रुपया हम लोगों को मिल जाएगा। इस पर मयंक उर्फ ईशू ने अकेले हत्या न कर पाने की बात कह अपने भाई ऋषि को वारदात में शामिल करने को कहा।

हथौड़ी से सिर पर वारकर की हत्या

साथ ही, किसी को शक न हो इसके लिए प्रदीप के घर आने पर उसको गांव छोड़ने को कहा। उसने यह भी बता दिया था कि बेटा कभी कभी शराब पी लेता है और होश में नहीं रहता है। पूरी योजना बनाने के बाद बेटे के घर आने के दो दिन बाद वह रिश्तेदार के यहां चली गई, जिससे कोई उस पर शक न कर सके। 26 अक्तूबर को योजना के अनुसार मयंक व ऋषि ने बेटे को शराब पिलाई और नशे में होने पर हथौड़ी से सिर पर वारकर हत्या कर दी। वारदात को हादसा दर्शाने के लिए शव हाईवे किनारे फेंक दिया था।

ससुर ने प्रेमी व उसके भाई पर हत्या का आरोप लगा दिया

वह बीमा क्लेम मिलने पर कुछ हिस्सा ऋषि को देने के बाद प्रेमी मयंक के साथ दूर जाकर आराम भरी जिंदगी जीना चाह रही थी। हत्या कर शव फेंकने तक की वारदात योजना के अनुसार पूरी होने के बाद परिजन के बेटे की मौत की जानकारी देने पर वह गांव पहुंची थी। वहां ससुर ने प्रेमी व उसके भाई पर हत्या का आरोप लगा दिया। 28 अक्तूबर को थाना में रिपोर्ट दर्ज करवा दी। उसे यकीन था कि परिजन का शक उसके ऊपर नहीं जाएगा। इधर प्रदीप हत्या कांड का खुलासा होने पर बाबा जगदीश नारायण, चाचा संजय, सर्वेश, हरगोविंद व अन्य परिजन गमगीन रहे। वहीं, मां की करतूत पर उसे कोसते नजर आए।

प्रदीप की मां से नहीं बनती थी। वह आंध्र प्रदेश में रहकर पानी पूरी का ठेला लगाता था, जब भी आता था बाबा के पास रुकता था। घटना का खुलासा ऐसा हुआ कि प्रदीप की मां के संबंध गांव के मयंक उर्फ ईशू से थे। इन दोनों ने प्रदीप की चार एलआईसी की पॉलिसी चार, छह, आठ, 15 लाख की कराई थीं। कुछ पॉलिसी ऐसी थीं, जिनकी परिपक्वता धनराशि दोगुनी हो जा रही थी। इन पॉलिसियाें का अवलोकन किया गया तो उसमें प्रदीप के मोबाइल नंबर की जगह मयंक के नंबर लगे थे।

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