प्रयागराज 2/10/2025: उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के पाठ्यक्रमों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का इतिहास शामिल किया जाएगा। भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत आर एस एस के इतिहास को स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में शामिल करने की घोषणा गांधी जयंती के अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने की।
कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) और भारतीय ज्ञान परंपरा के बीच एक गहरा संबंध है। आरएसएस की विचारधारा में भारतीय ज्ञान परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण स्थान है।
प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि आरएसएस की दृष्टि में भारतीय ज्ञान परंपरा केवल धार्मिक या दार्शनिक विचारों तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें सामाजिक, राजनीतिक और नैतिक मूल्य भी शामिल हैं। भारतीय ज्ञान परंपरा में विश्व कल्याण के लिए महत्वपूर्ण संदेश है। आरएसएस भारतीय ज्ञान परंपरा के विभिन्न पहलुओं वसुधैव कुटुम्बकम, सहिष्णुता और विविधता तथा आत्मनिर्भरता और स्वदेशी पर जोर देता है। उन्होंने बताया कि स्थानीय उत्पादों और स्वदेशी विचारों को बढ़ावा देने के लिए इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य भारतीय समाज को मजबूत और एकजुट करना है।
कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि भारतीय जीवनशैली परंपरागत मूल्यों, सामाजिक समरसता, परस्पर स्नेह एवं आत्मीयता पर आधारित है। मानवीय मूल्यों के विकास एवं आदर्श के उन्नयन में भारतीय जीवन शैली की महत्वपूर्ण उपादेयता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के इस कदम से युवाओं में राष्ट्रीयता के प्रति अनन्यता का भाव उत्पन्न होगा और विकसित राष्ट्र की अवधारणा साकार होगी।
डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र
जनसंपर्क अधिकारी