लखनऊ:18अक्टूबर,2025
महिला कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को यह निर्देश जारी किया गया है कि वे आगामी 20 अक्टूबर 2025 को अपने-अपने जनपदों में संचालित बाल देखभाल संस्थाओं में आवासित बच्चों के साथ दीपावली का पर्व अपने परिवार सहित मनाएँ। *अपर मुख्य सचिव, महिला कल्याण विभाग, लीना जौहरी* ने अपने निर्देशों में कहा है कि यह बच्चे सामाजिक एवं आर्थिक रूप से विपरीत परिस्थितियों के कारण अपने परिवारों से अलग हैं और राज्य सरकार की संरक्षण व्यवस्था के अंतर्गत जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे में इन बच्चों को परिवार के स्नेह, सान्निध्य और अपनत्व की विशेष आवश्यकता होती है।
प्रदेश में वर्तमान में महिला कल्याण विभाग के अधीन *दत्तक ग्रहण इकाइयाँ, शिशु गृह, बाल गृह, सम्प्रेक्षण गृह, विशेष गृह, प्लेस ऑफ सेफ्टी, आफ्टर-केयर संस्थाएँ तथा विशेष आवश्यकता वाले बच्चों हेतु बाल गृह* संचालित हैं। इन संस्थाओं में रह रहे बच्चे राज्य सरकार के संरक्षण में पूरी देखभाल, शिक्षा, पोषण और सुरक्षा प्राप्त करते हैं। श्रीमती जौहरी ने कहा कि दीपावली जैसे उत्सव के अवसर पर जब पूरा समाज अपने परिवार के साथ आनंद और उत्साह से यह पर्व मनाता है, तब इन संस्थाओं के बच्चे अपने परिवार की अनुपस्थिति को गहराई से महसूस करते हैं। ऐसे में यदि प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि या स्वयंसेवी संगठन इन बच्चों के बीच पहुँचकर उनके साथ कुछ समय व्यतीत करें, मिठाईयाँ बाँटें या उन्हें उपहार दें, तो यह उनके जीवन में खुशी, अपनापन और आत्मीयता का संचार करता है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बाल गृहों के बच्चे समाज की साझा जिम्मेदारी हैं। उनके भीतर आत्मविश्वास और स्नेह का भाव बनाए रखने के लिए जरूरी है कि हम समय-समय पर उनके साथ सहभागिता करें और उनके जीवन में उत्सवों के माध्यम से नई ऊर्जा का संचार करें। उन्होंने जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे न केवल स्वयं अपने परिवार सहित इन गृहों में दीपावली मनाएँ, बल्कि अपने अधीनस्थ अधिकारियों को भी प्रेरित करें कि वे बाल देखभाल संस्थाओं में जाकर बच्चों के साथ त्योहार मनाएँ और इस पर्व को “बच्चों के प्रति समर्पित दीपावली” के रूप में मनाएँ।
महिला कल्याण विभाग का यह पहल प्रदेश में बाल कल्याण के क्षेत्र में संवेदनशील प्रशासनिक दृष्टिकोण को और सशक्त बनाएगा। दीपावली जैसे पर्व के माध्यम से संस्थाओं में रहने वाले बच्चों को समाज और शासन के स्नेह का प्रत्यक्ष अनुभव होगा, जिससे उनमें आत्मीयता, प्रसन्नता और नये उत्साह का संचार होगा।