प्रयागराज 07/09/2025: प्रयागराज के बम्हरौली के रसूलपुर घाट पर तीन नाबालिग दोस्तों की गंगा में डूबने से मौत हो गई। धूमनगंज के मुंडेरा से तीनों दोस्त पिछले 24 घंटे से लापता थे। एनडीआरएफ और जल पुलिस ने करीब चार घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाकर तीनों के शवों को बाहर निकाला। हादसे के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। धूमनगंज थाना क्षेत्र के चक मुंडेरा निवासी नमन लूथरा (17), मनीष (13) और शौर्य पाल (14) तीनों दोस्त थे। शुक्रवार दोपहर करीब 12:30 बजे तीनों घर से बिना बताए लापता हो गए।
परिजनों की काफी खोजबीन के बाद भी तीनों का कुछ पता नहीं चल सका। देर रात तक तीनों के परिजन तलाश में लगे रहे। अगली सुबह करीब नौ बजे सूचना मिली कि रसूलपुर घाट के पास कुछ बच्चों के कपड़े और चप्पल पड़े हुए हैं। सूचना पर परिजन पहुंचे तो कपड़े और चप्पल से पहचान की गई। साथ ही मामले की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर एनडीआरएफ, जल पुलिस और पूरामुफ्ती पुलिस पहुंची और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। इस दौरान ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। काफी खोजबीन के बाद दोपहर करीब एक बजे पहले मनीष और फिर शौर्य का शव बरामद हुआ।
नहाने के दौरान डूबने से मौत होने की आशंका
शौर्य के पिता जितेंद्र पाल ने बताया कि बच्चों के लापता होने पर काफी खोजबीन की गई, लेकिन कहीं नहीं मिले। रात को परिजन रसूलपुर घाट भी गए थे, लेकिन कुछ पता नहीं चला। उम्मीद थी कि अगली सुबह तक घर आ जाएंगे लेकिन रसूलपुर घाट के पास बच्चों के कपड़े और चप्पल पड़े होने की सूचना मिली। पुलिस को आशंका है कि सुबह गंगा में स्नान करने के दौरान तीनों बच्चों की डूबने से मौत हुई है। धूमनगंज थाना क्षेत्र के चक मुंडेरा निवासी थे तीनों
इसके बाद नमन का शव बरामद किया गया। परिजनों के अनुसार, शौर्य कक्षा छह और मनीष कक्षा तीन का छात्रा था जबकि नमन तीनों में सबसे बड़ा था। तीनों शनिवार को स्कूल से आने के बाद अपने-अपने घरों से लापता हो गए थे।
कच्ची उम्र की पक्की दोस्ती... मौत भी जुदा नहीं कर सकी
उम्र में कच्चे लेकिन उनकी दोस्ती पक्की थी। तीनों दिनभर साथ ही हंसते-खेलते थे। साथ ही लापता हुए और फिर तीनों की मौत ने परिजनों को ही नहीं मोहल्लेवासियों को भी झकझोर दिया। अब सभी किशोरों की कच्ची उम्र की पक्की दोस्ती की मिसाल दे रहे हैं।
बात हो रही है धूमनगंज थाना क्षेत्र के चक मुंडेरा निवासी नमन (17), मनीष (13) और शौर्य पाल (14) की, जिनके शव पूरामूफ्ती के रसूलपुर घाट पर गंगा नदी से बरामद हुए।
गंगा में डूबकर एक साथ तीन किशोरों की माैत अब रहस्य बनकर रह गई। कयास लगाए जा रहे हैं कि एक दूसरे को बचाने में तीनों डूब गए, लेकिन घटना कैसे हुई, इसका कोई चश्मदीद नहीं है।
गंगा किनारे चप्पल और कपड़े से पहचान होने के बाद सर्च अभियान में शव बरामद होने के बाद अब परिजन और मोहल्लेवासी तीनों की दोस्ती को याद कर रहे हैं। उनका कहना है कि साथ हंसने खेलने वाले किशोरों को माैत भी जुदा नहीं कर सकी।
मामा करन ने बताया कि तीनों किशोर शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे घर से निकले थे। शाम तक जब वह वापस नहीं लौटे तो परिजन चिंतित हुए। शुरुआत में लगा कि वह किसी भंडारे या पूजा में गए होंगे लेकिन जब देर रात तक पता नहीं चला तो खोजबीन शुरू की गई।
शनिवार सुबह बेगम सराय गंगा घाट पर तीनों बच्चों के कपड़े और चप्पल पड़े मिले। इसके बाद पुरामुफ्ती पुलिस, जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया। दोपहर करीब 12:30 बजे मनीष और शौर्य के शव बरामद हुए। इसके करीब डेढ़ घंटे बाद तीसरे का शव भी मिला।
मैं किसे जिम्मेदार ठहराऊं ? किससे पूछूं कि हादसा कैसे हो गया?
शौर्य के पिता जितेंद्र पाल ने बताया कि वह मूल रूप से जौनपुर के बदलापुर थाना क्षेत्र के निवासी हैं। पिछले करीब 24 वर्षों से मुंडेरा चुंगी के पास परिवार के साथ रहकर मंडी में गाड़ी चलवाते हैं। शौर्य दो भाइयों में बड़ा था और कक्षा छह में पढ़ाई कर रहा था। जितेंद्र पाल रोते हुए बोले- अब मैं किसे जिम्मेदार ठहराऊं? जब तीनों साथ डूब गए। किससे पूछूं कि यह हादसा कैसे हो गया?
शाम चार बजे तीनों घाट पर बैठे दिखे थे
मनीष के परिजनों को घाट की तरफ रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब चार बजे तीनों किशोर गंगा घाट पर बैठे हुए थे। जब तक वह वहां थे, तब तक वे आपस में बातचीत कर रहे थे। आशंका जताई जा रही है कि उस व्यक्ति के जाने के बाद तीनों नदी में स्नान करने के लिए उतरे और एक-दूसरे को बचाने में तीनों डूब गए। तीनों किशोरों के शव का रविवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा।