समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश@2047’’अभियान के दूसरे दिन कलेक्ट्रेट, विकास भवन एवं कृषि विज्ञान केन्द्र में संवाद कार्यक्रम का किया गया आयोजन
संवाद कार्यक्रम में अर्थशक्ति, सृजनशक्ति एवं जीवनशक्ति थीम तथा चिन्हित 12 सेक्टरों में अपने जनपद, प्रदेश एवं देश को विकसित बनाने पर हुई विस्तार से चर्चा
समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश@2047 अभियान के विजन डॉक्यूमेंट हेतु सुझाव एवं जनजागरूकता के लिए उद्यमियों, व्यापारियों, स्वयं सेवी संस्थाओं, समूह की महिलाओं, कृषि वैज्ञानिकों, कृषकों ने रखे अपने विचार
विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश की परिकल्पना के साकार होने के लिए महिलाओं का शिक्षित, सशक्त व आत्मनिर्भर होना आवश्यक
वर्ष 2047 तक आपका देश, प्रदेश, जनपद, तहसील एवं आपका ग्राम कैसा हो और वहां कौन-कौन सी सुविधाएं हो, इसके बारे में क्यूआर कोड के माध्यम से अपने सुझाव उपलब्ध करायें
शहर के विस्तारीकरण तथा इंडस्ट्रियल हब बनाये जाने के लिए विशेषज्ञों ने रखे अपने विचार
प्रयागराज 10 सितंबर: संजय आर0 भूसरेड्डी-माननीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश भूसम्पदा विनियामक प्राधिकरण/कार्यक्रम के नोडल अधिकारी की अध्यक्षता में बुधवार को ‘‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश@2047’’अभियान के विजन डॉक्यूमेंट हेतु सुझाव एवं जनजागरूकता के लिए संगम सभागार-कलेक्टेªट परिसर में उद्यमियों एवं व्यापारियों के साथ, विकास भवन के सरस सभागार में स्वयं सेवी संस्थाओं एवं समूहों के साथ एवं कृषि विज्ञान केन्द्र नैनी में कृषि वैज्ञानिकों, एफपीओ के सदस्यों, कृषकों एवं ख्याति प्राप्त बुद्धजीवियो के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया और उनके सुझाव लिए गए।
संगम सभागार-कलेक्टेªट परिसर में आयोजित संवाद कार्यक्रम में आये हुए उद्यमियों, व्यापारियों व अन्य प्रबुद्धजनों के द्वारा, सरस सभागार में स्वयं सेवी संस्थाओं एवं समूह की महिलाओं ने एवं कृषि विज्ञान केन्द्र नैनी में कृषि वैज्ञानिकों, एफपीओ के सदस्यों, कृषकों एवं ख्याति प्राप्त बुद्धजीवियो ने अपने विचार व्यक्त किए। तीनों संवाद कार्यक्रम स्थलों पर उपस्थित उद्यमियों, व्यापारियों, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं समूह की महिलाओं, कृषि वैज्ञानिकों, एफपीओ के सदस्यों, कृषकों एवं अन्य प्रबुद्धजनों के द्वारा उनसे सम्बंधित विषयों के बारे में अपनी सलाह एवं सुझाव दिया गया। आयोजित संवाद कार्यक्रमों में नोडल अधिकारी श्री संजय भूसरेड्डी के द्वारा लोगो से इस सम्बंध में सरकार के द्वारा जारी क्यूआर कोड पर अपने विचारों, भावनाओं एवं सुझावों के बारे में अपने मन्तव्य लिखित रूप में अपलोड किए जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि विभिन्न सेक्टरों से सम्बंधित विषयों पर अच्छा एवं उपयोगी सुझाव एवं सलाह देने वाले लोगो को पुरस्कृत भी किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 में हम सभी देश व प्रदेश में स्वतंत्रता के 100वें वर्ष का आयोजन करेंगे। उस समय देश और प्रदेश में हमारे लिए किन सुविधाओं की आवश्यकता होगी, विकसित भारत और विकास की क्या रूपरेखा होगी, इस सम्बंध में समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश@2047 कार्यक्रम में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि मा० मुख्यमंत्री जी की सोच के अनुसार विकासशील देश एवं प्रदेश को वर्ष 2047 तक कैसे विकसित देश एवं प्रदेश को प्रथम श्रेणी में लाया जा सकता है इसके लिए सभी जनपदों में विकास के महत्वपूर्ण ढांचे को तीन थीम अर्थशक्ति, सृजनशक्ति एवं जीवनशक्ति तथा सशक्त-समृद्ध-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश हेतु चिन्हित 12 सेक्टरों में विशेषज्ञों के परामर्श और व्यापक जनसहभागिता के साथ कार्य योजना बनाकर कार्य करने की जरूरत है ताकि आगामी 20 वर्षों में हम अपने जनपद, प्रदेश एवं देश को विकसित की श्रेणी में ला सकें। उन्होंने कहा कि साल 2047 हमारे लिए एक सशक्त, समृद्धि और आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की परिकल्पना का परिणाम होगा। विकास भवन के सरस सभागार में उन्होंने स्वयं सेवी संस्थाओं एवं समूह की महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब तक हमारे देश की आधी आबादी, शिक्षित, सशक्त व आत्मनिर्भर नहीं होगी, तब तक विकसित भारत विकसित उत्तर प्रदेश की परिकल्पना साकार नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि महिलाएं हर कार्य को सुनियोजित एवं सुव्यवस्थित ढंग से करती है, इसलिए अपना अनुभव एवं सुझाव क्यूआर कोड के माध्यम से अवश्य साझा करें।
नोडल अधिकारी/प्रमुख सचिव राज्यकर विभाग उ0प्र0 शासन श्री एम0 देवराज ‘‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश@2047’’ अभियान के जनजागरूकता हेतु आयोजित संवाद कार्यक्रम में कहा कि 2047 में आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर हमारा देश एवं प्रदेश विकसित देश एवं प्रदेश बने, इसके लिए तीन थीम एवं 12 सेक्टरों के विभिन्न विषयों पर कार्य करना है। 2047 में विकसित भारत एवं विकसित उत्तर प्रदेश के निर्माण में सबको मिलकर अपना योगदान देना है। वर्ष 2047 तक आपका देश, प्रदेश, जनपद, तहसील एवं आपका ग्राम कैसा हो और वहां कौन-कौन सी सुविधाएं हो, इसके बारे में आप सभी अपने सुझाव एवं सलाह क्यूआर कोड़ के माध्यम से दे सकते है।
संगम सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित उद्यमियों, व्यापारियों एवं प्रबुद्धजनों के द्वारा अवस्थापना का विकास, संतुलित पर्यावरण विकास, शिक्षा के साथ हुनर, इंडस्ट्री के डिमांड के अनुसार स्किल्ड मैनपॉवर की उपलब्धता, पापुलेशन इंडेक्स के अनुसार दूरगामी एवं सस्टेनेबल योजनाएं बनाये जाने एवं उनमें जनसहभागिता हो, इंडस्ट्रियल एरिया में सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के साथ प्लाटों को उचित दर पर उपलब्ध कराये जाने, रोजगार सृजन, जनपद प्रयागराज में सालभर पर्यटन की योजना बनाये जाने, पर्यटन सर्किट बनाये जाने, निवेशकों के लिए स्पष्ट योजना, माइग्रेशन रोके जाने हेतु शहरी क्षेत्र की सुविधायें ग्रामीण क्षेत्रों में भी विकसित किए जाने, शहर के पास स्मार्ट विलेज बनाये जाने, जनपद को इलेक्ट्रानिक हार्डवेयर डिजाइन सेंटर के रूप में विकसित करने, इनलैण्ड वाटरवे विकसित किए जाने, योजनाओं में आने वाली प्रैक्टिकल समस्याओं को सुधारे जाने, पुराने शहर में भी सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने जैसे सुझाव दिए गए।
संगम सभागार में आयोजित संवाद कार्यक्रम में एमएसएमई विभाग के अधिकारियों द्वारा विगत 10 वर्षों की प्रगति एवं योजनाओं के बारे विस्तार से जानकारी दी गयी।
विकास भवन के सरस सभागार में स्वयं सेवी संस्थाओं एवं समूह की महिलाओं के द्वारा श्रमिकों की समस्याओं, श्रमकानूनों, स्थानीय हस्तशिल्प कलाकारों के द्वारा बनाये गये उत्पादों की बिक्री के लिए हुनर हॉट बनाये जाने, ग्रामीण क्षेत्र के उत्पादों को शहरी क्षेत्र में बेचे जाने हेतु स्थायी विक्रय बाजार, स्थानीय स्तर पर हस्तशिल्प उत्पादों के क्रय करने की व्यवस्था किए जाने, श्रमिक अड्डों पर सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने, निर्माण मजदूरों के लिए मनरेगा की भांति भत्ता दिए जाने की व्यवस्था, सफाई कर्मचारियों के लिए भी सभी आवश्यक व्यवस्थायें किए जाने, मजदूरों के दुर्घटना में जान गवाने अथवा घायल होने पर दुर्घटना बीमा आदि के सुझाव दिए गए।
संवाद कार्यक्रम में प्रबुद्धजनों, उद्यमियों, व्यापारियों, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं समूह की महिलाओं के सुझावों को गम्भीरता से सुनते हुए कार्यक्रम के नोडल अधिकारी ने सुझावों को क्यूआर कोड के माध्यम से भी दिए जाने के लिए कहा है।
कृषि विज्ञान केन्द्र नैनी में कृषि वैज्ञानिकों, एफपीओ के सदस्यों, कृषकों एवं ख्याति प्राप्त बुद्धजीवियो के साथ संवाद कार्यक्रम में किसानों को ईनाम पोर्टल की जानकारी, पशुपालन-मत्स्य पालन-अवस्थापना, ऑनलाइन इंस्टेंट परचेज, ऑनलाइन मार्केटिंग, फूड प्रोसेसिंग, न्यूक्लियर मेडिसिन एग्रीकल्च्र के क्षेत्र में बढ़ावा दिऐ जाने एवं किसानों की आमदनी में किस प्रकार वृद्धि की जा सकती है, पर विस्तार से चर्चा हुई।
जिलाधिकारी श्री मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देश बनाये जाने हेतु परिचर्चा, सलाह एवं लोगो से सुझाव लेने का है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज का मुख्य शहरी क्षेत्र दो नदियों से घिरा हुआ है, इसलिए बाहरी क्षेत्रों में व्यवस्थित तरीके से योजना बनाकर शहर के विस्तार एवं इंडस्ट्रियल हब बनाये जाने की आवश्यकता है। प्रयागराज को विश्व स्तरीय पर्यटन गंतव्य बनाना, संगम क्षेत्र, हेरिटेज स्थलों और नदी तटों को स्वच्छ और आधुनिक सुविधाओं से युक्त करना हैै। प्रयागराज को स्वच्छ, हरित और पर्यावरण के अनुकूल शहर बनाने के लिए ठोस योजनाओं पर कार्यरत है। उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेस वे और अन्य आधारभूत संरचनाओं के माध्यम से प्रयागराज को लॉजिस्टिक्स हब और औद्योगिक नगर के रूप में विकसित किया जायेगा। संवाद कार्यक्रमों में मुख्य विकास अधिकारी हर्षिका सिंह के द्वारा ‘‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश@2047’’ अभियान कार्यक्रम में बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी।
इस अवसर पर विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ प्रो0 प्रशांत कुमार घोस, श्री विभव मानसिंह, श्री एस0के0 चौहान, श्री अजय कुमार सिंह, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी श्री संतोष कुमार सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारीगण एवं विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ, उद्यमियों, व्यापारियों, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं समूह की महिलायें, कृषकों के अलावा काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।