कृषि मंत्री ने 2026-27 की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किया गया विचार
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कृषि मंत्री ने 2026-27 की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किया गया विचार



लखनऊ: 04 जुलाई, 2025

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने शुक्रवार को विधान भवन, कक्ष संख्या-48 में विपणन वर्ष 2026-27 की प्रमुख फसलें गेहूँ, जौ, चना, मटर, मसूर एवं लाही-सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर विचार हेतु मूल्य परामर्शदात्री समिति की बैठक की। बैठक के दौरान मंत्री जी ने खरीफ 2025 सीजन में उर्वरकों की उपलब्धता, वितरण और निगरानी की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए बताया कि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा उर्वरकों की अग्रिम व्यवस्था एक माह पूर्व से ही सुनिश्चित की जा रही है।

मंत्री जी ने बताया कि खरीफ 2025 के लिए कुल 59.17 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके सापेक्ष जुलाई 2025 तक 35.40 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध हो चुका है।

यूरिया की उपलब्धता 27.01 लाख मीट्रिक टन रही, जिसमें से 11.92 लाख मीट्रिक टन का वितरण किया गया। डीएपी की उपलब्धता 5.58 लाख मीट्रिक टन, वितरण 2.68 लाख मीट्रिक टन है। एनपीके की उपलब्धता 4.04 लाख मीट्रिक टन रही, जिसमें से 1.13 लाख मीट्रिक टन वितरित किया गया। इसी प्रकार एमओपी की उपलब्धता 1.00 लाख मीट्रिक टन और एसएसपी की 4.12 लाख मीट्रिक टन रही।

भारत सरकार से जुलाई, 2025 में प्रदेश को यूरिया 10.00 लाख मीट्रिक टन, डीएपी 2.50 लाख मीट्रिक टन, एनपीके 1.00 लाख मीट्रिक टन, एमओपी 0.20 लाख मीट्रिक टन तथा एसएसपी 0.70 लाख मीट्रिक टन आवंटित किया गया है।

अगस्त 2025 में संभावित यूरिया की खपत 32.84 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है, जिसके सापेक्ष जुलाई तक 27.01 लाख मीट्रिक टन की उपलब्धता पहले से है तथा 10.00 लाख मीट्रिक टन का आवंटन जुलाई में और प्राप्त होगा। इस प्रकार कुल उपलब्धता 37.01 लाख मीट्रिक टन होगी, जो अगस्त की मांग से अधिक है।

डीएपी की खपत अगस्त माह में 5.78 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है, जबकि जुलाई तक ही 8.08 लाख मीट्रिक टन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। एनपीके की अगस्त में अनुमानित खपत 2.44 लाख मीट्रिक टन है, जबकि 5.05 लाख मीट्रिक टन की उपलब्धता होगी। एमओपी की खपत अगस्त में 0.50 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है और 1.20 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध होगा। एसएसपी की मांग 2.16 लाख मीट्रिक टन है, जबकि उपलब्धता 4.82 लाख मीट्रिक टन रहेगी।

कृषि मंत्री ने बताया कि एमओपी जैसे महत्वपूर्ण उर्वरक, जिनका प्रयोग मुख्यतः आलू की बुवाई में होता है, उनकी व्यवस्था भी अग्रिम रूप से सुनिश्चित की जा चुकी है। एसएसपी की आवश्यकता भी अगस्त माह के लिए पहले से पूरी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि किसानों को गुणवत्तायुक्त उर्वरक निर्धारित मूल्य (एम०आर०पी०) पर सुगमता से उपलब्ध हो, इसके लिए सरकार पूरी तरह कटिबद्ध है। उर्वरकों की जमाखोरी, कालाबाजारी, ओवर रेटिंग और टैगिंग जैसी अनियमितताओं पर कठोर कार्रवाई की जा रही है।अब तक की गई कार्रवाई में 5931 छापे/निरीक्षण किए गए हैं। 925 नमूनों को परीक्षण हेतु लिया गया, जिसमें से 580 प्रकरणों में नोटिस जारी किए गए हैं। 236 फुटकर विक्रेताओं के लाइसेंस निलंबित किए गए और 746 फुटकर विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं। होलसेलरों और कंपनियों के विरुद्ध भी निगरानी जारी है। अब तक 26 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि उर्वरक की बिक्री में कोई भी व्यक्ति टैगिंग या ओवर रेटिंग करेगा तो उसके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। सरकार किसानों को समय पर और सस्ती दरों पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और यह अभियान निरंतर जारी रहेगा।

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