प्रदीप बच्चन (ब्यूरो चीफ)
बलिया (यूपी) बैरिया तहसील अंतर्गत ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे में वगैर मुवाबजे के अपनी घर और जमीन को अधिग्रहण करने के विरुद्ध किसान ने अपनी प्राण त्यागने की दी चेतावनी।प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्षों से मुवाबजे के लिये तहसील और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे किसान ने बताया कि वह अपनी बेटी की शादी दो वर्षों से तय किया है और मुवाबजे की धनराशि प्राप्त न होने से शादी रुकी पड़ी है। उसने बताया कि अपने घर और जमीन गवाने के बावजूद उसके पास न तो बसने का कोई ठिकाना है और न ही जीविकापार्जन के कोई संसाधन है, मशलन प्राण त्यागने के अलावा गरीब परिवार के पास कोई विकल्प नही है।
गौरतलब है कि ग्राम नवका टोला (कर्णछपरा) निवासी 50 वर्षीय शैलेश कुमार सिंह की जमीन व रिहायसी मकान मौजा इब्राहिमाबाद के नवकाटोला (पकड़ितर) अवस्थित है। उनकी भूमि सं0 2345स की रकबा 0.0730 हे0 वर्तमान खतौनी के खाता सं0-2054 में दर्ज है।
किसान शैलेश सिंह ने बताया कि जिस समय तहसील द्वारा किसानों की भूमि का पंजीकरण किया जा रहा था, उस समय अधिकारियों द्वारा हमें बताया कि हमारी भूमि पी0डब्ल्यू0डी0 के नाम पर गलत दर्ज हो गई है, इसे सुधार कर लाओ तो ही आपको पेमेंट दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि हमने मौजे की चकबंदी प्रक्रिया में मुकदमा दाखिल किया और काफी परेशानियों के बीच अपने जमीन की कागजात सही कराया। अब ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माणकर्ताओ द्वारा वगैर हमारी जमीन और मकान का पूर्ण प्रतिफल दिये जबरन हमारे मकान को गिराने और जमीन का अधिग्रहण करने का प्रयास किया जा रहा है,जो हम गरीब और बेसहारा परिवार के साथ न्यायसंगत नही है।
किसान श्रीसिंह ने बताया कि इस सन्दर्भ में उपजिलाधिकारी बैरिया, जिलाधिकारी बलिया के साथ-साथ हमारे परिवार ने मुख्यमंत्री पोटल पर भी शिकायत दर्ज कराया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि ग्रीन एक्सप्रेस वे द्वारा हमारी जमीन को पंजीकृत कराकर तथा निर्मित मकान का पूर्ण प्रतिफल देकर ही निर्माण कार्य कराने चाहिये,अन्यथा हम इसके विरुद्ध अपने पूरे परिवार सहित यही अपनी पर जान दे देगें।