उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की नई पहल, डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स संस्था दे रही तकनीकी सहयोग
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उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की नई पहल, डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स संस्था दे रही तकनीकी सहयोग



लखनऊ :19 जून 2025

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्गदर्शन मे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वंय सहायता समूहों की ग्रामीण महिलाओ की आमदनी बढाकर उन्हें स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर बनाये जाने की दिशा मे प्रदेश मे बहुत तेजी के साथ कार्य हो रहा है। आजीविका मिशन के तहत गठित समूहों से समूह सखी, बीसी सखी, विद्युत सखी, कृषि आजीविका सखी, पशु सखी, रेशम सखी, सूर्य सखी आदि बनाकर उनकी आमदनी मे उल्लेखनीय अभिवृद्धि करायी गयी है। इसी कडी मे सूक्ष्म उद्यम सखी के रूप मे दीदियो को प्रशिक्षण देकर महिलाओ की आमदनी मे इजाफा करने की नयी पहल की गयी है।



उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अब स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आजीविका से एक कदम आगे ले जाकर 'सूक्ष्म उद्यम सखी' के रूप में विकसित करने जा रहा है। इस पहल के तहत 13,064 महिलाओं को सूक्ष्म उद्यम सखी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा, जो आगे चलकर 50-50 अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार से जोड़ेंगी। अब तक ये महिलाएं अपनी आजीविका के लिए कार्य कर रही थीं, लेकिन इस पहल के माध्यम से वे खुद उद्यमी बनेंगी और दूसरों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगी। उन्हें छोटे व्यापार शुरू करने, वित्तीय सहायता प्राप्त करने और विपणन संबंधी जानकारी देने जैसे पहलुओं में मार्गदर्शन मिलेगा। बैंक सखी की मदद से उन्हें बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।

यह पूरी योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित की जा रही है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण गरीबों को संगठित कर सतत आजीविका और वित्तीय समावेशन के माध्यम से उनकी आय में वृद्धि करना है। पूर्व में इसी मिशन के तहत बैंक सखी, विद्युत सखी, कृषि आजीविका सखी और मनरेगा मेट जैसी भूमिकाएं तैयार की गई थीं, जिनसे महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक संबल मिला, बल्कि वे गांवों में बदलाव की मिसाल बनीं।

इस प्रयास को सफल बनाने में डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स संस्था तकनीकी सहयोग दे रही है। संस्था इन महिलाओं को प्रशिक्षण, उद्यम कौशल, प्रबंधन क्षमता, और बाज़ार से जोड़ने जैसे अहम पहलुओं पर सहयोग प्रदान कर रही है।

यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण और आर्थिक विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है। सूक्ष्म उद्यम सखी न केवल स्वयं की पहचान बनाएंगी, बल्कि दर्जनों अन्य महिलाओं के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम बनेंगी। साथ ही, ये महिलाएं प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप 'लखपति महिला' कार्यक्रम को भी सहयोग प्रदान करेंगी।सभी जनपदों में प्रति संकुल स्तरीय संघ में 4,--4 महिलाओं को सूक्ष्म उद्यम सखी नियुक्त किया जाएगा, एक सूक्ष्म उद्यम सखी तकरीबन 50 महिलाओं को उद्यम कराने मे सहयोग करेगी।पूरे प्रदेश में कुल 13,064 सूक्ष्म उद्यम सखियों द्वारा 6,50,000 से ज्यादा उद्यम स्थापित कराये जाने का मसौदा तैयार किया गया है।

मिशन निदेशक,उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन दीपा रंजन द्वारा बताया गया कि उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों में सूक्ष्म उद्यम सखी योजना लागू की गयी है,जो ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को स्वरोजगार हेतु प्रेरित करने एवं उन्हें उद्यमिता से जोड़ने का सशक्त माध्यम है। यह योजना महिलाओं को व्यवसायिक ज्ञान, प्रशिक्षण, ऋण सहायता और बाजार की समझ प्रदान करती है। इसके माध्यम से स्थानीय संसाधनों पर आधारित सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। उद्यम सखियाँ न केवल स्वयं आत्मनिर्भर बनेंगी, बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगी। इस पहल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त होगी एवं अनेकों स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लखपति बनने में सहायता प्राप्त होगी।

श्रीमती दीपा रंजन ने बताया कि उप मुख्यमंत्री के निर्देशो के क्रम मे उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 17 जून 2025 को ‘सूक्ष्म उद्यम सखी’ चयन हेतु प्रथम चरण की परीक्षा का आयोजन प्रदेश के 39 जनपदों में सफलतापूर्वक किया गया। इस परीक्षा में 10,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं ने भाग लिया। परीक्षा के सफल संचालन और जनपदों की सक्रियता को एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।


 मिशन निदेशक के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत पहली बार किसी कैडर—सूक्ष्म उद्यम सखी (CRP-EP)—के चयन के लिए एक ही दिन में इतनी बड़ी संख्या में समूह सदस्यों द्वारा प्रतिभाग किया गया। परीक्षा के दिन सुबह 5:00 बजे से ही प्रदेश के विभिन्न जनपदों से कॉल्स आनी शुरू हो गईं, जिसने पूरी टीम को उत्साह, ऊर्जा और नई प्रेरणा दी। यह आयोजन भविष्य के कार्यक्रमों के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा


इस योजना के अंतर्गत चयनित महिलाओं को डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स संस्था द्वारा विकसित प्रशिक्षण मॉड्यूल के माध्यम से उद्यम एवं एंटरप्राइज प्रमोशन से संबंधित विषयों में प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके उपरांत ये महिलाएं न केवल स्वयं का उद्यम स्थापित करेंगी, बल्कि अन्य लगभग 50 महिलाओं को भी स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य करेंगी।


परीक्षा में भाग लेने वाले 39 जनपद इस प्रकार हैं:

मुरादाबाद, आगरा, अलीगढ़, अम्बेडकरनगर, अमेठी, अमरोहा, औरैया, आजमगढ़, बलरामपुर, बांदा, बस्ती, बिजनौर, बदायूं, बुलन्दशहर, चंदौली, देवरिया, एटा, फिरोजाबाद, गाज़ीपुर, गोरखपुर, हापुड़, जालौन, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कुशीनगर, मैनपुरी, मथुरा, मिर्ज़ापुर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, सहारनपुर, सम्भल, संत कबीर नगर, संत रविदास नगर, शामली, सोनभद्र एवं सुल्तानपुर।


यह पहल महिलाओं को 'लखपति दीदी' के रूप में विकसित कर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने का एक सशक्त माध्यम सिद्ध हो रही है।

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