बलिया जिले के रेवती अस्पताल में मरीजों को नहीं किया रहा है सही ढंग से उपचार,दवा,डॉक्टरों द्वारा बाहरी दवाओं की लिखी जा रही है पर्ची,
Type Here to Get Search Results !

Advertisement

Acrc institute Acrc instituteAcrc institute

Recent Tube

बलिया जिले के रेवती अस्पताल में मरीजों को नहीं किया रहा है सही ढंग से उपचार,दवा,डॉक्टरों द्वारा बाहरी दवाओं की लिखी जा रही है पर्ची,

 


प्रदीप बच्चन (ब्यूरो चीफ)

बलिया (यूपी) बलिया जनपद अंतर्गत रेवती अस्पताल में मरीजों का कहना है कि बीमारी के तकलीफ़ से लड़ लेंगे साहब,पर महंगी दवाओं की मार से तो कमर ही टूट गई है, ऐसी ही कुछ आवाजें इन दिनों रेवती हॉस्पिटल की गलियारों में गूंज रही हैं। रेवती ब्लाक पत्रकार पिंटू तलवार ने जानकारी देते हुए हमारे वरिष्ठ संवाददाता-प्रदीप बच्चन को बताया कि सरकारी अस्पताल में इलाज की आस लेकर आने वाले गरीब मरीज खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। वजह डॉक्टरों द्वारा लगातार बाहरी दवाएं लिखे जाना,वो भी तब जब प्रशासन ने इस पर सख़्त पाबंदी लगा रखी है। मामले की जड़ उस समय गहराई तक पहुंच गई,जब कुछ माह पूर्व अस्पताल में सरकारी दवाएं जलाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो के बाद पूरे ज़िले में हड़कंप मच गया और प्रशासन ने तत्काल सख़्त निर्देश जारी किए कि किसी भी मरीज को अस्पताल के बाहर की दवाएं न लिखी जाएं। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। विभागीय सूत्रों का दावा:

विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो अस्पताल के कुछ डॉक्टर बाहरी मेडिकल स्टोर्स से सांठगांठ कर चुके हैं और उनके बीच बाकायदा 'एग्रीमेंट' तक हुआ है। यह गठजोड़ मरीजों की आर्थिक हैसियत पर भारी पड़ रहा है, क्योंकि सरकारी दवा जहां मुफ्त में मिलती है, वहीं बाहर की दवाएं कई गुना महंगी होती हैं। प्रभारी डॉक्टर प्रवीण कुमार यादव की बेबसी:-

अपने ही डाक्टरों के रवाइयां से परेशान है प्रभारी, बाहरी दवाओं के बाजार से मुनाफे कमाने में इतना व्यस्त है। रेवती हॉस्पिटल के डॉक्टर कि बाहरी दवा लिखना बंद नही कर रहे है। अस्पताल के प्रभारी अधिकारी ने स्वीकार किया कि डॉक्टरों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे बाहरी दवाएं न लिखें। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि वीडियो वायरल होने के बाद हमने सभी डॉक्टरों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि केवल अस्पताल में उपलब्ध दवाओं का ही उपयोग किया जाए। इसके बावजूद डॉक्टर दिनेश सिंह बार-बार बाहरी दवाएं लिख रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई करना मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

मरीजों का दर्द:

इलाज के लिए अस्पताल की शरण में आए एक वृद्ध दंपत्ति ने बताया कि डॉक्टर ने जो पर्ची दी,उसमें आधी से ज्यादा दवाएं बाहर से खरीदने को कहा गया। डॉक्टर साहब ने कहा कि यदि आपको ठीक होना है तो बाहर से दवा लेनी पड़ेगी। जब दवा की दुकान पर पहुंचे तो कीमत सुनकर पसीने छूट गए,रुलाई आ गई। पेट से बीमारी निकले न निकले,पर जेब जरूर खाली हो गई। यह अकेली कहानी नहीं है। ऐसे सैकड़ों मरीज हैं जो बलिया जनपद के रेवती हॉस्पिटल में इलाज के नाम पर आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं।अगर प्रशासन की गाइडलाइन के बावजूद डॉक्टर मनमानी करते हैं, तो आम जनता किसके पास जाए,क्या सरकारी अस्पतालों में आम आदमी को अब राहत नहीं, सिर्फ़ लूट मिलेगी और सबसे अहम क्या ऐसे डॉक्टरों पर कोई कार्यवाही होगी या सबकुछ यूँ ही चलता रहेगा। इस पूरे घटनाक्रम ने सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की जमीनी हकीकत को उजागर कर दिया है। अब देखना यह होगा कि शासन-प्रशासन इस पर कितना गंभीरता से संज्ञान लेता है या फिर एक और वीडियो वायरल होने का इंतज़ार किया जायेगा।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies