सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि आज लगभग हर हाथ में मोबाइल है। हर तरह के जमीनी, हवाई वाहनों और जलपोतों तक में जीपीएस लगा है और हर तरह की गतिविधि चाहे वो शासनिक-प्रशासनिक हो, बैकिंग हो या विविध संवेदनशील सूचनाओं का आदान-प्रदान, सब कुछ इंटरनेट पर ही निर्भर है। ऐसे में कम्युनिकेशन एक बेहद संवेदनशील मुद्दा बन गया है। साइबर क्राइम निरंतर बढ़ रहा है और आम आदमी ठगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीकी सेवाओं पर देश की सरकार का निर्णायक नियंत्रण हर हाल में होना चाहिए ताकि सरकार आपात स्थिति में विदेशी कंपनियों पर तत्काल नियंत्रण कर सके। अखिलेश यादव ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि वैश्विक संबंध सिर्फ अपने हाथ में नहीं होते हैं, इसीलिए इस क्षेत्र में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय संबंधों में हम कभी ये नहीं कह सकते कि कोई किसी का स्थायी मित्र है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संबंध व्यक्तिगत भी नहीं होते हैं, इसीलिए ऐसे गंभीर मुद्दों पर एहतियात बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दूसरे देशों से तकनीकी भले ले ली जाए परंतु आत्मनिर्भरता के प्रयास कभी नहीं छोड़ना चाहिए। सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि एक तरफ सरकार अपनी एजेंसियों का दुरुपयोग करके स्थानीय कारोबारियों को परेशान करती है, निवेश करने वालों से कमीशन मांगती है और दूसरी तरफ विदेशी कंपनियों के लिए स्वागत द्वार बनाती हैं। जब तक देश के व्यापारियों के लिए सुरक्षित माहौल नहीं होगा तब तक उत्पादन और रिसर्च एंड डेवलपमेंट का सकारात्मक वातावरण नहीं बनेगा। ऐसे में हम चीन जैसे देशों से आयात करके अपना धन उन्हें देते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अगर हमारे देश की कंपनियां दूसरे देशों की एजेंट बनकर रह गयीं तो ट्रेड भले विकसित हो, लेकिन विकास और उत्पादन क्षमता घटती जाएगी।