ओवरलोड होकर फर्राटा भरने वाले ऑटो-टेंपो व डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई का परिवहन व पुलिस विभाग कागजी ढिंढोरा पीटते हैं, लेकिन धरातल के हालात जुदा होते हैं। सख्ती न होने के कारण ऐसे वाहन यात्रियों की जान दांव पर लगाकर दौड़ रहे हैं।
जिम्मेदार विभागों की ओर से सख्त अभियान न चलाए जाने के कारण मंगलवार दोपहर वही हुआ जिसका अंदेशा पहले से था। गोंडा-बहराइच हाईवे पर क्षमता से तीन गुना से भी ज्यादा सवारियां लेकर जा रहा ऑटो हादसे का शिकार हो गया और छह जिंदगियां लापरवाही की भेंट चढ़ गईं।
जानकारी के मुताबिक, छह सीटर ऑटो में 20 सवारियां बैठाई गई थीं। ओवरलोड ऑटो 18 किमी तक का सफर करता है, लेकिन इसे कहीं रोका-टोका नहीं गया। गोंडा-बहराइच हाईवे पर तेज रफ्तार डबल डेकर बस से इसकी टक्कर हो गई। ऑटो को टक्कर मारने वाली डबल डेकर बस कॉन्ट्रैक्ट परमिट पर गोंडा से दिल्ली के बीच चलती है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बस ओवरलोड थी और उसकी रफ्तार तेज थी। यही वजह रही कि ऑटो को देखने के बाद भी चालक बस को नियंत्रित नहीं कर सका। इधर, ऑटो में भी 20 सवारियां बैठी थीं। आगे चालक सहित तीन लोग सवार थे। ऐसे में ठीक से वाहन चलाना मुश्किल हो रहा था। इसी का नतीजा रहा कि ऑटो व बस में जोरदार टक्कर हो गई और छह लोगों की जान चली गई।
यातायात व्यवस्था के लिए जिम्मेदार ट्रैफिक पुलिस व परिवहन विभाग का यह हाल है कि इनके अफसर महज कुछ बैटरी रिक्शा चालकों के खिलाफ कार्रवाई कर अपना कोटा पूरा कर लेते हैं।
गोंडा-बहराइच हाईवे पर पयागपुर थाना क्षेत्र के कटेल चौराहे पर मंगलवार की दोपहर एक तेज रफ्तार डबल डेकर बस ने यात्रियों से भरे ऑटो में टक्कर मार दी। हादसे में ऑटो सवार छह की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं ऑटो सवार एक ही परिवार के 15 लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से चोटिल 12 घायलों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया। जहां प्राथमिक इलाज के बाद सभी को ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया।