अयोध्या में राम नवमी का पर्व रविवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है। राम नवमी का मुख्य आकर्षण रामलला का सूर्य तिलक होगा। सूर्य की किरणें बालक राम के मस्तक का अभिनंदन करेंगी। यह दुर्लभ संयोग चार मिनट तक रहेगा। इसके लिए वैज्ञानिकों ने बीते दिनों कई ट्रायल किए। शनिवार को इसका आखिरी ट्रायल हुआ। आठ मिनट तक चले इस ट्रायल को कराने के दौरान इसरो के साथ-साथ आईआईटी रुढ़की और आईआईटी चेन्नई के एक्सपर्ट मौजूद रहे। रविवार की दोपहर ठीक 12 बजे भगवान सूर्य रामलला के ललाट का तिलक करेंगे। इसका लाइव टेलीकास्ट दूरदर्शन पर प्रसारित होगा। ड्रोन से भक्तों पर छोड़ी गई सरयू जल की फुहार
श्रद्धालुओं पर ड्रोन से सरयू जल की फुहार छोड़ने का ट्रायल शनिवार को हुआ। देर शाम को ड्रोन से रामपथ पर सरयू जल की फुहार श्रद्धालुओं पर डाली गई। यह पहली बार है जब श्रद्धालुओं पर आसमान से सरयू जल की वर्षा की जा रही है। रामनवमी पर भी श्रद्धालुओं पर ड्रोन से सरयू जल की फुहार छोड़ी जाएगी। राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने दी रामनवमी की बधाई
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामनवमी पर्व पर प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। राज्यपाल ने अपने बधाई संदेश में कहा कि भगवान राम का जीवन हम सभी के लिए आदर्श है। उनके द्वारा स्थापित नैतिकता, मर्यादा और कर्तव्यनिष्ठा को जीवन में आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कामना की कि भगवान श्रीराम की कृपा से देश व प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होगी।
वहीं, मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि भगवान श्रीराम ने हमें धर्म का अनुसरण करते हुए जीवन जीने की प्रेरणा दी। उनका सम्पूर्ण जीवन हमें भारतीय संस्कृति के उदात्त गुणों-श्रद्धा, भक्ति, शक्ति, शान्ति, शील तथा सदाचार की प्रेरणा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का चरित्र जीवन के हर क्षेत्र में अनुकरणीय आदर्श प्रस्तुत करता है। मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में भगवान श्रीराम का जीवन हम सभी को त्याग, मर्यादाओं के पालन और कर्तव्य परायणता की सीख देता है। रामनवमी के पावन अवसर पर भगवान श्रीराम के जन्म को श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाने के साथ ही, हमें इसका भी बोध होना चाहिए कि प्रभु श्रीराम के आदर्शों को अपने आचरण में उतारने की आवश्यकता है। श्रीराम जन्मोत्सव पर आज अयोध्या में 2.50 लाख दीप जलाएंगे
श्रीराम जन्मोत्सव पर अयोध्या में छह अप्रैल को 2.5 लाख दीप जलाए जाएंगे। रामनगरी में दो दिवसीय आयोजन किया जा रहा है। दो दिवसीय यह आयोजन शनिवार से शुरू हुआ। पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि श्रीराम जन्मोत्सव पर रामकथा पार्क में हस्तशिल्प, फूडकोर्ट, ओडीओपी आदि स्टॉल प्रदर्शित किये गए हैं। इसका शुभारंभ आज किया गया था। इसके तहत सुबह सात बजे से देर शाम तक हेरिटेज वॉक कराई गई। इसके अंतर्गत श्रीराम मंदिर, हनुमानगढ़ी के साथ विभिन्न स्थलों का भ्रमण कराया गया। शाम को फूलों की होली, लोकनृत्य, रामलीला, भजन की प्रस्तुति भी हुई।
उन्होंने बताया कि छह अप्रैल को चौधरी चरण सिंह घाट, राम की पैड़ी पर 2.5 लाख दिए जलाए जाएंगे। राम कथा पार्क के सामने पक्की पार्किंग स्थल पर रंगोली, चित्रकला प्रतियोगिता, लोकनृत्य, रामलीला, भजन की प्रस्तुति होगी। उन्होंने कहा कि यह आयोजन अयोध्या की धार्मिक गरिमा को और अधिक बढ़ाने के साथ-साथ देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को एक आध्यात्मिक अनुभव देगा।
रामोत्सव का शुभारंभ, मठ-मंदिरों में धूम
अयोध्या में इस बार रामनवमी का आयोजन ऐतिहासिक और अभूतपूर्व होने जा रहा है। अयोध्या उत्सव में लीन है। मठ-मंदिरों में सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों की धूम है। पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित रामोत्सव 2025 का भी शुभारंभ शनिवार को हेरिटेज वॉक से हुआ। उद्घाटन महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने किया। शाम को रामकथा पार्क में सांस्कृतिक संध्या हुई।
श्री राम जन्मोत्सव को और खास बनाने के लिए पर्यटन विभाग ने हेरिटेज वॉक का आयोजन किया। यह वॉक दशरथ महल से शुरू होकर हनुमानगढ़ी, राम जन्मभूमि, कनक भवन, मतगजेंद्र मंदिर होते हुए नयाघाट स्थित रानी हो पार्क पर संपन्न हुई। हेरिटेज वॉक में भगवान शिव और मां पार्वती के स्वरूप के साथ नारद का स्वरूप आकर्षण का केंद्र बना। इसके अलावा, भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान के सेवक वानर सेना ने भी इस वॉक में हिस्सा लिया, जिसने इसे और भव्य बनाया।
शनिवार से शुरू हुए सांस्कृतिक आयोजनों में नृत्य, संगीत और नाटक के माध्यम से रामायण की कथाओं को जीवंत किया जा रहा है। पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित हेरिटेज वॉक ने अयोध्या के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को एक सूत्र में पिरोने का काम किया। इस वॉक में शामिल श्रद्धालु और पर्यटक अयोध्या की समृद्ध विरासत से रूबरू हुए। हनुमानगढ़ी और राम जन्मभूमि जैसे पवित्र स्थलों के दर्शन के साथ-साथ कनक भवन और मतगजेंद्र मंदिर की यात्रा ने इस अनुभव को और समृद्ध बनाया। वॉक के दौरान भगवान शिव, मां पार्वती और नारद के स्वरूपों ने इसे एक अलौकिक आध्यात्मिक अनुभव में बदल दिया। हनुमान जी की वानर सेना के स्वरूप ने बच्चों और युवाओं के बीच खास उत्साह पैदा किया।
रंगमहल में बिखर रही श्रीरामजन्मोत्सव की अद्भुत छटा
रामजन्मभूमि परिसर से सटे श्रीराम के कुलदेवता के मंदिर प्राचीन रंगमहल में श्रीरामजन्मोत्सव की अद्भुत छटा बिखर रही है। मान्यता के अनुसार यहां कभी श्रीराम के कुलदेवता रंगजी का मंदिर था। रंगजी का समीकरण श्रीराम के ही पूर्व संस्करण भगवान विष्णु से स्थापित किया जाता है। रंग जी की परंपरा को नए सिरे से सहेजने का श्रेय स्वामी सरयू शरण को दिया जाता है। स्वामी सरयू शरण की परंपरा को पूरे गौरव से आगे बढ़ा रहे महंत रामशरण दास के संयोजन में रंगमहल में रामचरित मानस का नवाह पाठ, सुंदरकांड पाठ, श्रीरामस्तुति, दुर्गासप्तशति का पाठ संचालित है। मंदिर में रविवार को ठीक दोपहर 12 बजे रामजन्मोत्सव की धूम होगी। बधाई गान सुनाने के लिए दूर-दूर से कलाकार आए हैं।