मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री l स्व0 कल्याण सिंह की जयन्ती पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
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मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री l स्व0 कल्याण सिंह की जयन्ती पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।



 लखनऊ: 05 जनवरी, 2025

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि भारत माता के महान सपूत, परम राष्ट्र व श्रीराम भक्त श्रद्धेय बाबूजी कल्याण सिंह की आज पावन जयन्ती है। आज ही के दिन सन् 1932 में जनपद अलीगढ़ के एक छोटे से गांव मढ़ौली के एक सामान्य किसान परिवार में उनका जन्म हुआ था। उन्हें बाल्यावस्था में ही देश की आजादी की लड़ाई को देखने का अवसर प्राप्त हुआ। उस समय देश की स्वतंत्रता के बोध तथा भावी भारत के निर्माण में स्वयं की भूमिका से युक्त संस्कारों से ओत-प्रोत श्रद्धेय बाबूजी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सामान्य शाखा से लेकर आगे के कार्यक्रमों के माध्यम से स्वयं को राष्ट्रभक्ति के सांचे में ढाला था।मुख्यमंत्री जी आज यहां प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा राजस्थान एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल स्व0 कल्याण सिंह जी की जयन्ती पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने स्व0 कल्याण सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि किसान, शिक्षक, विधायक, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा दो राज्यों के राज्यपाल के रूप में उनकी कार्य कुशलता, कर्मण्यता तथा प्रशासनिक दक्षता को प्रत्येक व्यक्ति ने स्वीकार किया।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोग अक्सर सत्ता के लिए सिद्धान्तों की तिलांजलि दे देते हैं। कुछ प्राप्त करने के लिए मूल्यों के साथ समझौता करते हैं। श्रद्धेय बाबूजी का व्यक्तित्व ऐसा था, जिसने मूल्यों तथा सिद्धान्तों के साथ कभी समझौता नहीं किया। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान तथा उसके उपरान्त प्रदेश की राजनीति को नई दिशा प्रदान की। प्रशासनिक दक्षता को परिपूर्ण करने के लिए उनके द्वारा वर्ष 1990 के दशक में, जो प्रयास प्रारम्भ किए गए वह एक नए उत्तर प्रदेश का दर्शन कराते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश वर्ष 1947 में स्वतंत्र हुआ, लेकिन सुशासन क्या होता है, यह प्रदेशवासी नहीं देख पाए। लोगों को इसका पहली बार एहसास तब हुआ जब श्रद्धेय कल्याण सिंह ने मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश में शासन व्यवस्था को आगे बढ़ाया। उस समय कुछ लोग उन्हें अस्थिर करने तथा अव्यवस्था फैलाने के लिए कुत्सित प्रयास कर रहे थे, लेकिन इसकी परवाह किए बिना उन्होंने प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए अपनी सरकार को तिलांजलि दी। अब उनका सपना साकार हो चुका है। अयोध्या नगरी में प्रभु श्रीरामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं। यह दृश्य देखकर श्रद्धेय बाबूजी की पुण्य आत्मा को असीम शांति की प्राप्ति हो रही होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व0 कल्याण सिंह ने पं0 दीनदयाल उपाध्याय के जिस एकात्म मानववाद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पाठशाला में सीखा था, उसको उन्होंने जमीनी धरातल पर उतारने का काम किया। अन्नदाता किसानों के लिए घोषित योजनाएं, प्रदेश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए नकल विहीन परीक्षाओं का आयोजन, शासन की शुचिता तथा पारदर्शिता हेतु उनके द्वारा किए गए प्रयास लोगों के लिए अनुकरणीय हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 अगस्त वर्ष 2021 को श्रद्धेय बाबूजी भौतिक काया के रूप में हमारे बीच नहीं रहे। लेकिन सूक्ष्म जगत के माध्यम से आज भी उनका मार्गदर्शन शासन तथा प्रशासन के लिए पाथेय बना हुआ है तथा मार्गदर्शन का कार्य कर रहा है। प्रदेश में जब भी शासन तथा प्रशासन की शुचिता की बात होती है तो श्रद्धेय श्री कल्याण सिंह जी का नाम बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ प्रत्येक व्यक्ति तथा प्रदेशवासी लेता है। भले ही वह आज हमारे बीच में नहीं है, लेकिन उनके द्वारा मजबूती से प्रारम्भ किए गए अभियान सुशासन के लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए तथा आम जनमानस के जीवन में परिवर्तन करते हुए दिखाई देते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी का दायित्व बनता है कि जिस उत्तर प्रदेश के निर्माण के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित किया उस नये उत्तर प्रदेश के लिए हम सभी मिलकर कार्य करें। राष्ट्रवाद तथा सुशासन का मंत्र ही नए भारत के निर्माण में प्रदेश की भूमिका को रेखांकित कर पाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धेय कल्याण सिंह की विरासत निरन्तर आगे बढ़ रही है। उन्होंने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल में कभी छात्र के रूप में पढ़ा होगा तथा अध्यापक के रूप में कार्य को आगे बढ़ाया होगा, आज उनका पौत्र उसी बेसिक शिक्षा विभाग में मंत्री के रूप में शिक्षा को नई दिशा प्रदान कर रहा है। यह पूर्वजों की तपस्या का परिणाम है। यही साधना का फल है। यदि अच्छे मन से सही दिशा में कार्य किए जाते हैं, तो इसके अच्छे परिणाम अवश्य प्राप्त होते हैं। यह दृश्य देखकर हम सभी को भी प्रसन्नता की अनुभूति होती है।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश की 25 करोड़ जनता के जीवन में सुरक्षा तथा खुशहाली लाकर कल्याण सिंह के सपनों का प्रदेश प्रगति के पथ पर निरन्तर अग्रसर होता रहेगा। प्रदेश सरकार द्वारा श्रद्धेय बाबूजी की स्मृतियों को जीवन्त बनाए रखने के लिए लखनऊ में उनके नाम पर अत्याधुनिक कैंसर इंस्टिट्यूट की स्थापना की गई है। जनपद बुलन्दशहर के मेडिकल कॉलेज का नामकरण भी उनके नाम पर किया गया है। यह जीवन्तता आगे भी बनी रहनी चाहिए।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री बी0एल0 वर्मा, प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह, सांसद डॉ0 स्वामी साक्षीजी महाराज, विधान परिषद सदस्य भूपेन्द्र सिंह चौधरी, स्व0 कल्याण सिंह के सुपुत्र राजवीर सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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