महाकुंभ में मंगलवार को मौनी अमावस्या पर बड़ा हादसा हो गया। संगम नोज के पास देर रात भगदड़ मच गई और इसमें 59 स्नानार्थियों की मौत हो गई। 24 लोग जख्मी भी हुए। उन्हें एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। मृतकों में से सात की पहचान हुई है जो प्रयागराज के अलावा बिहार, झारखंड, कोलकाता के रहने वाले हैं।
हालांकि मुख्यमंत्री योगी ने अपने बयान में बैरिकेडिंग फांदकर आने में कुछ श्रद्धालुओं के चोटिल होने और उनमें से कुछ की हालत गंभीर होने की बात बताई है। घटना रात एक से दो बजे के बीच हुई। मर्चरी पहुंचे मृतकों के परिजनों ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग स्नान के लिए संगम नोज की ओर बढ़ रहे थे। वह पोल नंबर 11 से 17 के बीच थे तभी अचानक बहुत तेज गति में पीछे से भीड़ का रेला आया।
कुछ लोग संभल नहीं सके और नीचे गिर पड़े तो भीड़ उन्हें रौंदते हुए बढ़ने लगी। वहां चीखपुकार मच गई। अपनों को बचाने में कई और लोग भगदड़ की चपेट में आ गए। पुलिसकर्मी जब तक स्थिति नियंत्रित कर पाते तब तक दर्जनों लोग अचेत हो चुके थे जबकि कुछ ऐसे भी लोग थे जो होश में तो थे लेकिन वह कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं थे।
सूचना पर एंबुलेंस पहुंचने लगीं और फिर एक-एक कर हताहतों को मेले के केंद्रीय चिकित्सालय ले जाया गया। यहां मृत घोषित किए जाने के बाद उनके शव मेडिकल कॉलेज स्थित मर्चरी ले जाए गए। आठ की पहचान होने पर उनके शव एसआरएन स्थित मर्चरी में भेजवा दिए गए। उधर 24 घायलों को पहले मेला क्षेत्र स्थित चिकित्सालयों में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद इन सभी को एसआरएन में ले जाया गया जहां उनका इलाज जारी है।
अचानक पीछे से आई भीड़ बनी वजह
जिन मृतकों की पहचान हुई, उनमें से ज्यादातर के परिजनों का कहना है कि अचानक पीछे से तेजी से भीड़ आने की वजह से भगदड़ मची। उधर कुछ अन्य वजहें भी चर्चा में रही, जिनमें से एक यह रही कि भीड़ में शामिल कुछ युवक शोर मचाते हुए आगे बढ़े। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। कहा जा रहा है कि विस्तृत जांच के बाद ही कारण स्पष्ट हो सकेगा।
अखाड़ों ने अमृत स्नान का समय आगे बढ़ाया
उधर घटना के बाद अखाड़ाें ने भीड़ के दबाव को देखते हुए अमृत स्नान के समय को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। उन्होंने मेला प्रशासन से कहा कि देश भर से आए श्रद्धालु पहले स्नान करेंगे। इसके बाद वह स्नान के लिए जाएंगे।
पीएम ने सीएम से ली जानकारी, चार बार की फाेन पर बात
जानकारी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से चार बार फोन पर बात की और हताहतों की मदद के संंबंध में दिशा-निर्देश दिए। गृहमंत्री अमित शाह, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी सीएम से बात की। इसके साथ ही सीएम ने लखनऊ स्थित अपने आवास पर हाईलेवल मीटिंग भी बुलाई। इसमें मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी के साथ ही एडीजी कानून व्यवस्था शामिल रहे। इसके बाद सीएम की ओर से कहा गया कि अखाड़ा मार्ग पर की गई बैरिकेडिंग फांदकर आने में कुछ श्रद्धालु चोटिल हुए। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है। जिनका इलाज चल रहा है।
अखाड़ों का अमृत स्नान स्थगित
उधर इस घटना को देखते हुए अखाड़ों ने सर्वसम्मत से मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान स्थगित कर दिया। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी 13 अखाड़ाें की आपात बैठक बुलाकर यह निर्णय लिया गया। इसके बाद मेला प्रशासन के अलावा खुद सीएम ने संतों से फोन पर बात की।
मृतकों में इनकी हुई पहचान
1- मनित्रा देवी(50) पत्नी फूलचंद्र विश्वकर्मा निवासी सरायममरेज प्रयागराज
2- बासुंती पोद्दार(61) पत्नी रविंद्रनाथ पोद्दार निवासी टॉलीगंज, कोलकाता
3- राजरानी देवी(60) पत्नी जगरूप यादव निवासी सोसुना, थाना गोह, जनपद औरंगाबाद बिहार
4- गुलाबी देवी(73) पत्नी बिहारी यादव निवासी रामविशनपुर, देहपुरी, सुपौल बिहार
5- शिवराज गुप्ता(64) निवासी झारखंड
6- रामअवध शर्मा(65) निवासी अज्ञात
7- गुलइचा देवी(60) निवासी अज्ञात
घायलों में यह भी शामिल
विमला देवी(65) पत्नी प्रेम कुमार निवासी परसपुर, जनपद गोंडा
शीला सोनी (66) निवासी छतरपुर, मप्र
गुड़िया पांडेय निवासी औरैया
गुड़िया का बेटा
नगीना देवी (56)पत्नी कृपाशंकर मिश्रा निवासी आवास विकास झूंसी
प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से बातचीत की है और मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूं।
मरीजों को अस्पताल ले जाते कर्मचारी।