संभल जाने से रोकने पर कांग्रेसियों और पुलिस में झड़प; अजय राय बोले- प्रतिबंध हटने के बाद जाएंगे
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संभल जाने से रोकने पर कांग्रेसियों और पुलिस में झड़प; अजय राय बोले- प्रतिबंध हटने के बाद जाएंगे

 


यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय आज संभल जाने का प्रयास कर रहे हैं। उनके साथ दर्जनों कांग्रेस नेता वहां जाने के लिए पहुंचे हैं। पुलिस ने उन्हें पार्टी कार्यालय के गेट पर ही रोक लिया । कार्यकर्ता पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा कर रहे हैं। पुलिस के अलावा दो गाड़ी पीएसी भी बुलाई गई थी। 

संभल जाने से रोकने पर कार्यकर्ताओं और पुलिस में हल्की झड़प भी देखने को मिली। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय धरने पर बैठ गए। कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए हंगामा किया। अजय राय ने कहा कि जब भी प्रतिबंध हटेगा तो कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल संभल जरूर जाएगा। हम संभल जाकर वहां की स्थिति की अपने स्तर पर जांच करेंगे। यह भी खुलासा करेंगे कि पुलिस प्रशासन के लोग किस तरह से गलत जांच रिपोर्ट पेश करते हैं। 

अजय राय ने कहा कि जब भी प्रतिबंध हटेगा तो कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल संभल जरूर जाएगा। हम संभाल जाकर वहां की स्थिति का अपने स्तर पर जांच करेंगे और यह भी खुलासा करेंगे कि पुलिस प्रशासन के लोग किस तरह से गलत जांच रिपोर्ट पेश करते हैं।

कांग्रेस ने इसकी तैयारी पहले से कर ली थी। रविवार की रात पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कार्यालय में ही रात बिताई। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से नेता रविवार की शाम को ही लखनऊ पहुंच गए थे, ताकि सभी सोमवार की सुबह एक साथ रवाना हो सकें। 

संभल जाने के लिए निकलने से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पार्टी कार्यालय पर गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद वह संभल जाने के लिए निकले। पुलिस ने उन्हें गेट पर ही रोक लिया। 

उधर प्रशासन ने दस दिसंबर तक संभल आने पर रोक लगा रखी है। बीते दिनों सपा के कई नेताओं ने वहां जाने के कोशिश की थी। सपा विधानमंडल दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष को वहां जाने से रोक दिया गया था। इकरा हसन सहित कुछ और सांसदों को भी वहां नहीं जाने दिया गया था। 

कांग्रेस पार्टी मुख्यालय पर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात 

कांग्रेस पार्टी का प्रतिनिधिमंडल संभल में मारे गए परिवार वालों से मिलने के लिए जाने की तैयारी कर रहा था। उधर सुबह ही पुलिस भारी मात्रा में कार्यालय के बाहर पहुंच गई थी। कार्यालय की तरफ जाने वाले मार्गों पर रोक लगा दी गई है। 


सपा के राष्ट्रीय महासचिव पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने कहा कि संभल की घटना सरकार द्वारा कराई गई सुनियोजित घटना है। सपा को सरकार द्वारा गठित की गई न्यायिक टीम पर भरोसा नहीं है। वर्तमान सीनियर न्यायाधीशों की निगरानी में जांच होनी चाहिए। सरकार मुस्लिम समाज के लोगों का मनोबल गिराने का काम कर रही है। भाजपा सरकार में बैठे लोग सुबह से शाम तक केवल झूठ बोलने का कार्य कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार प्रदेश में विकास कराने में नाकाम साबित हो रही है। सरकार प्रदेश में केवल और केवल दंगे कराने का काम कर रही है। जबकि सरकार में बेईमानी व भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। इस पर कोई बोलने वाला नहीं है। प्रदेश में भाजपा का पुरजोर विरोध केवल सपा कर रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में महंगी बिजली है। जितनी बिजली देने का वादा किया था, वो प्रदेश में किसी को नहीं मिल रही है। ऊपर से जनता से अधिक वसूली और की जा रही है। इतना ही नहीं प्रदेश में किसानों को खाद नहीं दे पा रही है। कई जिलों में तो सरकार के इशारे पर खाद की मांग कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज तक भी कराया गया था। गन्ने का दाम जस का तस है, गन्ने पर कोई रुपया बढ़ाया नहीं गया है। सरकार से प्रदेश की जनता पूरी तरह त्रस्त हो चुकी है। इस दौरान इफ्को निदेशक शीशपाल सिंह, जिला उपाध्यक्ष पदम सिंह, इकबाल कुरैशी, सुनील चौधरी, दिनेश तोमर शामिल रहे।

शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हुई हिंसा की पड़ताल के लिए गठित न्यायिक आयोग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। तीन सदस्यीय आयोग के दो सदस्य रविवार को संभल पहुंचे और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर अफसरों से जानकारी ली। आयोग की टीम जामा मस्जिद भी गई और मस्जिद कमेटी के सदस्यों से मुलाकात की। इस बीच, मंडल आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि हिंसा के जिम्मेदारों के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहेे हैं। अब तक 400 लोगों की पहचान हो चुकी है।

आयोग के अध्यक्ष हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोड़ा व सदस्य पूर्व पुलिस महानिदेशक एके जैन रविवार सुबह करीब दस बजे संभल पहुंचे। एक अन्य सदस्य सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव अमित मोहन टीम के साथ नहीं पहुंच पाए। टीम ने मस्जिद के आसपास पुलिस और भीड़ के बीच हुई झड़प वाले क्षेत्र का मुआयना किया। टीम के साथ मौजूद पुलिस अधीक्षक केके विश्नोई ने उन्हें पूरे बवाल की बिंदुवार जानकारी दी। इसके बाद टीम ने नखासा तिराहा व हिंदूपुरा खेड़ा इलाकों का दौरा किया। अधिकारियों ने टीम को भीड़ के एकत्र होने और बवाल के बाद लौटने वाले रास्ते दिखाए।

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