यूपी में नौ सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर पोस्टर वार लगातार तेज होता जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान 'बंटेंगे तो कटेंगे' से शुरू हुआ बयानबाजी का दौर अब और तीखा होता जा रहा है। शनिवार रात को सपा कार्यालय के बाहर अखिलेश यादव की फोटो के साथ लगाया गया एक पोस्टर फिर चर्चा में आ गया है। इस पोस्टर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे पर पलटवार किया गया है। इस होर्डिंग में 'बंटेंगे तो कटेंगे' का जवाब देते हुए लिखा है- 'मठाधीश बांटेंगे और कांटेंगे... पीडीए जोड़ेगी और जीतेगी। ये पोस्टर पार्टी के नेता अमित चौबे की ओर से लगाया गया है जिसमें भाजपा को निशाने पर लिया गया है। इस पोस्टर को लगाने वाले सपा नेता अमित चौबे ने कहा कि इस पोस्टर के जरिए हमने पूरे प्रदेश की भावनाओं को अपने शब्दों में पिरोया है। प्रदेश में आज कानून व्यवस्था ध्वस्त है। गरीबों के घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी पहले एक मठाधीश हैं वो इंसानियत और अपनत्व की बात नहीं करते हैं। प्रदेश के विकास की बात नहीं करते हैं बल्कि बांटने और काटने की बात करते हैं। इस पोस्टर के माध्यम से हमने दलित, अगड़ा और पिछड़ा सभी की भावनाओं को अपने शब्दों में पिरोने का काम किया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदू समुदाय को भाजपा के पक्ष में एकजुट करने के लिए 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा दिया था जिसे अखिलेश यादव ने राजनीतिक इतिहास का सबसे खराब नारा कहा था। इसके पहले सपा की तरफ से लगाए गए पोस्टर में पलटवार करते हुए कहा गया था कि 'न बंटेंगे न कटेंगे पीडीए के साथ रहेंगे।'
इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी शनिवार को इसी लाइन पर बयान दिया और कहा कि बसपा से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने सपा-भाजपा के बीच चल रही पोस्टरबाजी पर को फिजूल बताते हुए लोगों से बसपा से जुड़ने की अपील की थी।
उन्होंने कहा था कि अपनी कमियों पर से जनता का ध्यान बांटने के लिए अब भाजपा द्वारा 'बंटेंगे तो कटेंगे' और सपा एंड कंपनी द्वारा 'जुड़ेंगे तो जीतेंगे' आदि नारों को प्रचारित करने में लगे हैं। जबकि इनकी सभी नीतियां गलत रही हैं, इसलिए बेहतर यही है कि बीएसपी से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और सुरक्षित भी रहेंगे। डिप्टी सीएम केशव बोले- परिवार को मजबूत करने की मंशा के साथ सपा कर रही पीडीए की बात
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के पीडीए के हितों की रक्षा करने के दावों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के पीडीए का मतलब परिवार डेवलपमेंट एजेंसी है। पीडीए की आवाज उठाने के पीछे उनका असल मकसद अपने परिवार का विस्तार करना है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आगामी उपचुनाव के लिए घोषित प्रत्याशियों में चाचा-भतीजे और करीबी लोग ही नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि सपा के पीडीए का मतलब सिर्फ परिवार का विकास ही है। जबकि पीएम मोदी लोकतंत्र की बुनियाद मजबूत कर रहे हैं। भाजपा का लक्ष्य केवल लोकतंत्र को मजबूती देना है। परिवार माडल और विकास माडल का फर्क जनता भली भांति समझ रही है।