बसपा सुप्रीमो मायावती ने मदरसा शिक्षा बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट के दिए गए निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला स्वागतयोग्य है। उन्होंने उम्मीद जताई की इस निर्णय से अब मदरसा शिक्षा को लेकर उपजे विवाद व हजारों मदरसों की अनिश्चितता समाप्त हो जाएगी। सोशल साइट एक्स पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज एक अहम फैसले में यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड कानून-2004 को वैध व संवैधानिक करार दिए जाने के फैसले का स्वागत है। इससे यूपी में मदरसा शिक्षा को लेकर उपजे विवाद व हजारों मदरसों की अनिश्चितता अब निश्चय ही समाप्त होने की संभावना है। इस पर सही से अमल जरूरी है उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब खासकर यूपी के मदरसों को मान्यता मिलने और उनके सुचारू संचालन में स्थायित्व आने की संभावना है। अदालत ने कहा कि मदरसा एक्ट के प्रावधान संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप हैं और ये धार्मिक अल्पसंख्यकों के शैक्षिक अधिकारों की सुरक्षा करते हैं।
साथ ही, सुप्रीम कोर्ट की 9-जजों की बेंच द्वारा हर निजी सम्पत्ति को संविधान के अनुच्छेद 39(बी) के तहत सामुदायिक सम्पत्ति का हिस्सा नहीं मानना व इसका अधिग्रहण करने से रोकने के फैसले का भी स्वागत योग्य है। अब तक सरकार के पास आम भलाई हेतु सभी निजी सम्पत्तियों को अधिगृहित करने का अधिकार था।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने 'उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम 2004' की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी है। कोर्ट ने कहा कि यह धर्मनिरपक्षेता के सिद्धांत का उल्लंघन नहीं करता। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था देकर गलती की कि मूल ढांचे यानी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने के कारण उत्तर प्रदेश मदरसा कानून को खारिज करना होगा।