अयोध्या:-
अयोध्या से मनोज तिवारी की रिपोर्ट
अयोध्या-जिला अस्पताल आए दिन िकसी न िकसी मामले को लेकर चर्चा में रहता है। अब ताजा मामला डीजल में घपले की आशंका को लेकर है। शव वाहनों में अथाह तेल डलवाया जा रहा है, लेकिन वाहन शवों को लेकर नहीं जा रहे हैं। सभी अधिकारी चुप्पी साध रखे हैं। संभावना जताई जा रही है िक इस तेल के खेल में सभी की भागीदारी है।
जिला अस्पताल में वैसे तो दो शव वाहन हैं। इन वाहनों का काम जिला अस्पताल से डेड बॉडी उनके घर पर छोड़कर आने का है। अगस्त माह में 36 मौतें हुई हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है िक शव वाहन से कितने शव भेजे गए। इसका एक कारण यह भी बताया जा रहा है रात में इमरजेंसी ओपीडी के पास निजी एंबुलेंस चालक खड़े हो जाते हैं। उनमें शवोंे को ले जाने के लिए मारामारी रहती है। एक-एक शव के लिए तीन-तीन हजार रुपये वसूले जाते हैं। सूत्रों का कहना है िक इसमें अधिकारी तक को कमीशन जाता है। इसी कारण कोई भी इस मामले पर अपनी जुबान नहीं खोलना चाहता। सीएमएस डॉ. उत्तम कुमार से बीते कई दिनों से एंबुलेंस से गए शवों के आंकड़े मांगे गए, लेकिन वे इस बात कल पर टाल दे रहे हैं। वह कहते हैं िक इमरजेंसी में तैनात ईएमओ डॉ. आशीष पाठक से आंकड़े ले लीजिए। डॉ. आशीष पाठक कहते हैं िक मेरे पास कोई डाटा नहीं है। सीएमएस साहब ही कुछ बता पाएंगे। यह हाल तब है जब सीएमएस हर माह तेल के लिए ऑर्डर जारी करते हैं।