लखनऊ: पुलिस कस्टडी से भाग निकला करोड़ों की ठगी का आरोपी, दरोगा समेत पांच पुलिसकर्मी निलंबित, जांच शुरू
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लखनऊ: पुलिस कस्टडी से भाग निकला करोड़ों की ठगी का आरोपी, दरोगा समेत पांच पुलिसकर्मी निलंबित, जांच शुरू

 


बॉलीवुड लाइव कंसर्ट के नाम पर करीब नौ करोड़ की ठगी करने के मामले में आरोपी विराज त्रिवेदी गुजरात के भावनगर से पुलिस अभिरक्षा से भाग निकला। उसे वहां पेशी पर ले जाया गया था। अभिरक्षा में गए दरोगा समेत छह पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए हैं। इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं। श्री सुविधा फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से नवंबर 2022 में इकाना स्टेडियम में बॉलीवुड स्टार टाइगर श्राफ, गायक गुरु रंधावा, नोरा फतेही, सचेत-परंपरा और सनी लियोनी का लाइव कंसर्ट कराने के नाम पर लाखों रुपये के टिकट बेचे गए थे। करोड़ों रुपये फाइनेंसरों से भी लिए गए थे। एसटीएफ ने 30 जुलाई 2023 को गुजरात के विराज त्रिवेदी, समीर कुमार और जयंतीभाई डेरावालिया को गिरफ्तार किया था। सूरत निवासी विराज पर गुजरात के भावनगर में भी कई एफआईआर दर्ज हैं। इनमें उसकी पेशी लगती थी। 23 सितंबर की दोपहर दरोगा गौरव चौधरी, हेड कांस्टेबल अनिल कुमार यादव, सिपाही हरीश कुमार, सिपाही मुकेश कुमार मौर्या, सिपाही रोहित कुमार व चालक बालेंद्र सिंह उसको दो मामलों में पेशी के लिए लेकर लखनऊ से रवाना हुए थे।

27 सितंबर की सुबह वह सिपाहियों मुकेश और अनिल के साथ नाश्ता करने की बात कहकर गया था और वहीं से वह भाग निकला। एसीपी लाइन किरन यादव ने बताया कि इन सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। विभागीय जांच पूरी होने के बाद इनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

कॉल करते रहे दरोगा, सिपाहियों ने नहीं की रिसीव

दरोगा गौरव चौधरी ने एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें लिखा है कि जब वह सुबह उठे तो देखा कि सिपाही मुकेश व अनिल के अलावा विराज कमरे में नहीं है। उन्होंने कॉल की। अनिल यादव ने कॉल रिसीव की और बताया कि विराज ने कहा कि उसको डायबिटीज है। इसलिए नाश्ता करना जरूरी है। इसलिए हम लोग उसको लेकर बरोडियन नाश्ता हाउस आए हैं। कुछ देर के बाद उन्होंने फिर कई कॉल की, लेकिन दोनों ने रिसीव नहीं की। काफी देर बाद अनिल ने गौरव को कॉल कर बताया कि आरोपी एक स्कूटी से भाग गया है।

होटल में ठहराया, साजिशन भगाने की आशंका

सवाल है कि आखिर आरोपी को होटल में क्यों ठहराया गया? ऐसे में अभिरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की कहीं न कहीं मिलीभगत होने का संदेह पैदा हो रहा है। बहरहाल यह सब जांच में साफ होगा।

ठोस कार्रवाई नहीं होने से सामने आ रहे ऐसे मामले

रोजाना कई आरोपियों की पेशी अदालतों में होती है। पुलिस लाइन से गारद (पुलिसकर्मी) अभिरक्षा में उनको जेल से कोर्ट ले जाते और वहां से लाते हैं। आरोपियों की पेशी पर जाने के दौरान मौज मस्ती करने के वीडियो और फोटो अक्सर सामने आते रहते हैं। पर, कोई सख्त कार्रवाई नहीं होती। हाल में हत्या समेत 18 मामलों में आरोपी शादाब अख्तर उर्फ फिरदौस की रील व फोटो सामने आए थे। इस मामले में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

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