नकली नोट छापकर देश की अर्थव्यवस्था में सेंध लगाने के एक बड़े खेल का भंडाफोड़ बुधवार को शहर में हुआ। अतरसुइया में नकली नोट छपाई करने
वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1.3 लाख मूल्य के नकली नोट बरामद किए गए। यह खेल एक मदरसे में खेला जा रहा था। गिरफ्तार आरोपियों में इसका मौलवी भी शामिल है। चारों देर शाम जेल भेज दिए गए। एसीपी सिविल लाइंस श्वेताभ पांडेय को सूचना मिली थी कि कुछ लोग नकली नोट की सप्लाई करने सिविल लाइंस पहुंचे हैं। इस पर उनके नेतृत्व में एसआई अभयचंद व अन्य की टीम ने बस अड्डे के पास से दो युवकों को पकड़ा। मो.अफजल व शाहिद नाम के दोनों युवकों के पास से 100-100 के नोटों की दो गड्डियांं बरामद हुईं। जांच में पता चला कि बरामद नोट नकली हैं। थाने लाकर पूछताछ के बाद उनकी निशानदेही पर टीम ने अतरसुइया के जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम मदरसा में छापा मारा। वहां भारी मात्रा में नकली नोट व इन्हें तैयार करने के उपकरण जैसे लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर, बिना कटे हुए नोट के छपे हुए 234 पेज आदि बरामद हुए। साथ ही इसे तैयार करने वाले जाहिर खान उर्फ अब्दुल जाहिर व मदरसे को मौलवी मो.तफसीरुल आरिफीन भी गिरफ्तार किया गया।
15 हजार में 45 हजार मूल्य के नोट
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि वह 15 हजार के बदले 45 हजार के नकली नोट देेते थेे। पिछले तीन महीने से यह काम कर रहे थे। गिरफ्तार अफजल व शाहिद करेली, जबकि जाहिर आजाद बस्ती थाना बाशुदेवपुर जनपद भद्रक राज्य उड़ीसा का रहने वाला है। गिरफ्तार मौलवी तफसीरुल भी उसके ही गांव है जो कई साल से अतरसुइया स्थित मदरसे में रह रहा है। यह भी बताया कि इन्होंने नकली नोट अतरसुइया, कीडगंज, खुल्दाबाद आदि आसपास के क्षेत्रों में चलाए हैं। किराये पर लिया था कमरा
मौलवी ने पूछताछ में बताया कि उसने जाहिर को कमरा किराये पर दिया था। हालांकि, जब जाहिर से पूछताछ हुई तो सच्चाई सामने आ गई। उसने बताया कि मौलवी भी इस काम में शामिल था और नकली नोट से जो कमाई होती थी, उसमें उसका भी हिस्सा होता था। फिलहाल पुलिस ने मदरसे का कमरा सील करा दिया है।
प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि उड़ीसा निवासी जाहिर इस गिरोह का सरगना है, जबकि गिरफ्तार अन्य तीन उसके सहयोगी हैं। फिलहाल, अब तक किसी गैंग से उनका कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है।