भाजपा नेता प्रवीण पटेल के सांसद बनने के बाद अब फूलपुर विधानसभा सीट खाली हो गई है। ऐसे में अगले पांच माह में विधानसभा उपचुनाव होना तय है। वर्ष 2017 से यह सीट भाजपा के पास है। लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद अब सपा की इस विधानसभा क्षेत्र पर विशेष नजर है। कुर्मी बाहुल्य होने की वजह से सपा इस सीट से कुर्मी बिरादरी का प्रत्याशी खड़ा करने पर विचार कर रही है। सपा प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पटेल भी पिछले दिनों पार्टी कार्यालय में आयोजित बैठक में इसके संकेत दे चुके हैं। फिलहाल यहां अभी जिन नाम पर चर्चा हो रही है उसमें राजेंद्र पटेल, पूर्व सांसद धर्मराज पटेल, पूर्व विधायक मुर्तजा सिद्दीकी और इस बार का लोकसभा चुनाव लड़ चुके अमरनाथ मौर्य का नाम शामिल है। सपा मीडिया प्रभारी दान बहादुर का कहना है कि पार्टी के पास कई दिग्गज नेता है।
जिसे भी प्रत्याशी बनाया जाएगा, उसकी जीत सुनिश्चित है। फिलहाल कुर्मी बाहुल्य फूलपुर भाजपा का प्रदर्शन इस बार के लोकसभा चुनाव में आशा के अनुरूप नहीं रहा। इस बार सपा प्रत्याशी अमर नाथ मौर्य को यहां 1,07,510 तो भाजपा को 89,650 मत मिले।
लोकसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए सपा अब इस सीट से इस बार कुर्मी बिरादरी के प्रत्याशी को ही चुनाव लड़ाने का मन बना रही है। यहां पिछले कुछ चुनाव में सपा ने यादव या मुस्लिम प्रत्याशी को ही टिकट दिया है, लेकिन इस बार फेरबदल संभव है।
फूलपुर विधानसभा के पिछले कुछ चुनाव पर नजर डालें तो यहां 2017 और 2022 के चुनाव में लगातार दो बार भाजपा को जीत मिली। दोनों ही बार वर्तमान सांसद प्रवीण पटेल ही यहां विधायक के रूप में निर्वाचित हुए।
2022 के चुनाव में प्रवीण पटेल को 1,03,557 मत मिले तो वहीं सपा प्रत्याशी मुर्तजा सिद्दीकी को 1,00,825 मत मिले थे। इसके पूर्व 2017 के चुनाव में प्रवीण पटेल ने सपा के मंसूर आलम को 26 हजार से ज्यादा मत से शिकस्त दी थी।
इसके पूर्व 2012 के चुनाव में सपा के सईद अहमद इस सीट से निर्वाचित हुए। तब उन्होंने बसपा प्रत्याशी के रूप में प्रवीण पटेल को हराया था। उसके पूर्व 2007 के चुनाव में फूलपुर विधानसभा का नाम झूंसी विधानसभा था। तब बसपा के टिकट पर प्रवीण पटेल ने सपा की विजमा यादव को हराया था।
फूलपुर से केशरी नाथ त्रिपाठी पहली बार बने थे विधायक
फूलपुर विधानसभा जो पहले झूंसी विधानसभा के रूप में जानी जाती थी, उस सीट से पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी भी निर्वाचित हो चुके हैं। वर्ष 1977 के विधानसभा चुनाव में केशरी नाथ त्रिपाठी पहली बार विधायक बने थे। तब वह जनता पार्टी के सिंबल पर निर्वाचित हुए थे।