व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम काॅलिंग से डिजिटल अरेस्ट करने की मिले धमकी तो डरे नहीं
Type Here to Get Search Results !

Advertisement

Acrc institute Acrc instituteAcrc institute

Recent Tube

व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम काॅलिंग से डिजिटल अरेस्ट करने की मिले धमकी तो डरे नहीं

 


हेलो, मैं कस्टम अधिकारी बोल रहा हूं, आपने नशा तस्करी की है। फर्जी पासपोर्ट व कुछ दस्तावेज मिले हैं। इसलिए आपको डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है। व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शातिर अपराधी तीन से चार घंटे वीडियो काॅलिंग करके डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी देते हैं और फिर मोटी रकम ऐंठ रहे हैं। इस तरह के केस शहर में दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। पिछले छह महीने में साइबर थाना पुलिस के पास 12 डिजिटल अरेस्ट की शिकायतें आ चुकी हैं। इनमें तीन लोग ऐसे भी हैं, जिनसे करोड़ों व लाखों में ठगी हो चुकी है। साइबर जालसाजों ने लोगों से पैसा ऐंठने के लिए डिजिटल अरेस्ट नाम का एक नया तरीका अपनाया है। साइबर पुलिस ने बताया कि जालसाज व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से लाेगों को वीडियो काॅलिंग करते हैं। झांसा देते हैं कि उनके नाम पर ड्रग्स या फर्जी पासपोर्ट पकड़ा गया है। उनको डिजिटली गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि अगर किसी के पास इस तरह का कोई फोन आता है तो वह बिल्कुल न डरे, बल्कि उस नंबर को ब्लैक लिस्ट में डाल दें। क्योंकि, इस तरह के फोन ज्यादातर व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से ही आते हैं। अगर इन प्लेटफॉर्म से फोन आता है तो फाैरन समझ लेना चाहिए कि काॅल फर्जी है। पुलिस कभी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से काॅल कर थाने नहीं बुलाएगी। अगर किसी के साथ ऐसा होता है तो फाैरन साइबर पुलिस हेल्पलाइन नंबर 1930 या फिर डायल-112 पर फोन कर इसकी सूचना दें।

पीड़ितों को किसी से संपर्क करने का नहीं मिलता माैका

साइबर थाना प्रभारी राजीव तिवारी बताते हैं कि वास्तविकता में डिजिटल अरेस्ट कुछ नहीं होता है। इस तरह से कानून में कोई गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है। लेकिन, शातिर अपराधी लोगों को इतना डरा देते हैं कि वह तीन से चार घंटे वीडियो काॅलिंग पर कैद रखते हैं। इसके पीछे का मकसद होता है कि काॅलिंग से हटकर कोई किसी तरह की किसी से मदद न ले सके। बड़ी रकम का भुगतान न करने तक पीछा करते हैं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

यूपी पुलिस के साइबर सलाहकार राहुल मिश्रा बताते हैं कि डिजिटल अरेस्ट में अधिकतर वीडियो काॅलिंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के अलावा विदेशी नंबरों में आती है। पिछले दिनों साइबर पुलिस ने इस तरह के कई नंबरों को ब्लाॅक कराया है। अगर किसी के पास इस तरह का फोन आए तो वह स्क्रीन रिकॉर्डिंग के जरिये वीडियो काॅल को रिकॉर्ड करे। पैसा बिलकुल न भेजे।

इन तरीकों से करते हैं डिजिटल अरेस्ट

-नकली पुलिस अधिकारी बनकर

-इनकम, कस्टम, सीबीआई इंस्पेक्टर बनकर

-बेटे को गिरफ्तार करने पर

-दस्तावेज पर खरीदा गया अवैध सामान

यहां-यहां करें शिकायत

साइबर हेल्पलाइन 1930

डायल-112

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies