लोकसभा चुनाव में कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने वाली सपा और कांग्रेस विधानसभा चुनावों में भी एक साथ रहेंगे? ये सवाल अभी से राजनीति के जानकारों के बीच तैर रहा है। महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव अगले यूपी विधानसभा चुनाव के लिए भी काफी हद तक गठबंधन की तस्वीर साफ कर देंगे। पिछले साल हुए मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत सपा को कोई तवज्जो नहीं दी थी। यही वजह है कि महाराष्ट्र में कार्यकर्ताओं से संवाद के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अगर हमें गठबंधन ने नजरअंदाज किया तो अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेंगे। यहां बता दें कि अक्तूबर में महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव होने हैं और इन दोनों ही राज्यों में सपा ने इंडिया गठबंधन के तहत सीटों पर दावा किया है। सपा सूत्रों के मुताबिक, यूपी में कांग्रेस के कम होने के साथ ही क्षेत्रीय दल उभरे। इसलिए अंदरखाने विधानसभा चुनाव के लिहाज से सपा भी नहीं चाहती कि यहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में आए। यही वजह है कि सपा ने अन्य राज्यों में सीटें को लेकर दबाव बढ़ा दिया है। अगर वहां बात बनती है तो ठीक, वरना यूपी में भी विधानसभा उपचुनावों या आम चुनावों में अलग राह अपनाने में कोई मुश्किल नहीं आएगी।