माघ मेला के प्रथम स्नान मकर संक्रांति पर संगम में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी।
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माघ मेला के प्रथम स्नान मकर संक्रांति पर संगम में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी।

 


लखनऊ: 15 जनवरी, 2024

आज से शुरू हुए माघ मेला के प्रथम शाही स्नान मकर संक्रांति पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर 6 डिग्री तापमान और ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं दिखी। सोमवार को लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। प्रशासन का दावा है कि सुबह 10 बजे तक करीब आठ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। मेला प्रशासन के कुम्भ मेला अधिकारी, प्रयागराज, विजय किरण आनंद के मुताबिक शाम 4 तक करीब 17.50 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। सूरज ढंलने तक श्रद्धालुओं के संगम में स्नान का आंकड़ा बढ्ने का अनुमान है। आज तड़के भोर में करीब तीन बजे सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं द्वारा स्नान का सिलसिला शुरू हो गया था।

मकर संक्रांति के दिन, 15 जनवरी 2024 को, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में माघ मेले का शुभारंभ हुआ। सबसे पहले शाही अखाड़ों ने डुबकी लगाई उसके बाद लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई। कोहरे और ठंड के बीच सिर पर गठरी, हाथों में झोला लिए, श्रद्धालुओं का जनसैलाब सोमवार को संगम पर स्नान के लिए उमड़ पड़ा। संगम जाने वाले सभी मार्गों पर लंबा कारवां लगा था। मेला प्रशासन ने सुबह 10 बजे तक 8.70 लाख श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का दावा किया। प्रथम पुण्य की डुबकी के साथ ही 54 दिवसीय माघ मेले का आरंभ हो गया।

माघ मेला भारत के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक है। यह मेला हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन, श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्ति पाने की कामना करते हैं।

’माघ मेले की तैयारियां’

मकर संक्रांति के अवसर पर आयोजित होने वाला माघ मेला भारत के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक है। इस बार का माघ मेला महाकुंभ के ट्रायल के रूप में आयोजित किया जा रहा है। मेला क्षेत्र करीब 786 हेक्टेयर में फैला है, जिसे 5 सेक्टरों में बांटा गया है। प्रत्येक सेक्टर में संतों, भक्तों और कल्पवासियों के लिए शिविर बनाए गए हैं।

मेला क्षेत्र में आठ स्नान घाट बनाए गए हैं, जिनकी लंबाई 3300 फीट है। कल्पवासी और संत छह पांटून पुलों से होकर मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। इस बार 4300 संस्थाओं को मेले में भूमि आवंटित की गई हैं। श्रद्धालुओं के सुरक्षित स्नान के लिए 3.5 किमी दायरे में डीप वाटर बैरिकेडिंग के साथ करीब सात स्थानों पर खोया-पाया केंद्र भी स्थापित किए गए हैं।मेला क्षेत्र में 85 किमी लंबे चकर्ड प्लेट मार्ग बनाए गए हैं। मेला क्षेत्र 18 हजार एलईडी स्ट्रीट लाइट के दूधिया रोशनी से जगमग किया गया है।

मेला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं, 20-20 बेड के अस्पताल बनाए गए हैं, 10 प्राथमिक उपचार केंद्रों में उपचार की सुविधा उपलब्ध है। जबकि मेला क्षेत्र में 30 एंबुलेंस भी तैनात की गई हैं। स्वच्छता व्यवस्था के लिएरू 30 हजार शौचालय स्थापित किए गए है और 1815 स्थानों पर यूरिनल लगाए गए हैं।

पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि सरकार ने माघ मेले में श्रद्धालुओं के सुरक्षित स्नान-ध्यान के लिए विशेष प्रबंध किए है। पर्यटन विभाग ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए फूड कोर्ट और स्नान घाट की जानकारी का प्रबंध किया जिससे मेले में आने वाले किसी भी यात्री को कोई असुविधा न हो और वो आनंदपूर्वक स्नान दान और कल्पवास कर सके।

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