लखनऊ: लखनऊ में सैनिक की पत्नी को बंधक बनाकर हुई लूटपाट की घटना पुलिस की जांच में झूठी निकली है। अभी तक कि पड़ताल में पुलिस को कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिला जिससे वारदात की पुष्टि हो सके।
पुलिस को नहीं मिला डकैती का साक्ष्य
लखनऊ के PGI थानाक्षेत्र में 26 फरवरी की रात डकैती की वारदात की जांच के लिए लिए पुलिस ने इलाके के सौ से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले। लेकिन एक भी कैमरे में घटना के समय सैनिक के घर में किसी को जाते या बाहर निकलते नहीं देखा गया।
पुलिस की जांच में सामने आया कि भटिंडा में तैनात फौजी अरविंद कुमार 26 फरवरी को छुट्टी लेकर घर आ रहे थे। वो ट्रेन में थे तभी उनके बेटे ने वीडियो कॉल पर उनकी बात पत्नी अनिता से कराई।
अनिता का कपड़े से मुंह बंधा हुआ था। अरविंद ने इसकी सूचना पुलिस को दी। लेकिन पुलिस जब उनके घर पहुंची तो सब कुछ सामान्य था। इसके बाद दूसरे दिन सुबह अनिता ने थाने पहुंचकर डकैती की तहरीर दी।
घर के अंदर मिले गायब हुए जेवरात
पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर कड़ी छानबीन शुरू की। इसी कड़ी में अरविंद के घर की भी पड़ताल की गई। इस दौरान कुछ जेवरात घर में ही इधर-उधर बिखरे मिले, जिन्हें अनिता ने गायब बताया था।
पुलिस ने अरविंद के बेटे और बेटी से भी पूछताछ की तो दोनों ने जो जवाब दिए उससे भी वारदात की आशंका खत्म हो गयी। हालांकि इंस्पेक्टर धर्मपाल का कहना है कि पुलिस हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है।
27 फरवरी को डकैती की रिपोर्ट दर्ज कराई थी
पीजीआई के सैनिक नगर निवासी फौजी अरविंद कुमार की पत्नी अनिता ने 27 फरवरी को डकैती की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि 26 फरवरी की रात करीब चार बदमाश घर मे घुस आए। बदमाशों ने अनिता का मुंह बांधकर उन्हें गन पॉइंट पर लेकर करीब 12 लाख रुपये के जेवर और 20 हजार कैश लूट लिया था।