कटरा बाजार में दिवंगत ब्राह्मण विधायकों की उपेक्षा क्यों-मुकेश ओझा 'कैप्टेन'
अपने आपको ब्राह्मणों का मसीहा बताने वाले विधायक बावन सिंह से सवाल
मुकेश ओझा 'कैप्टेन' की भावुक अपील- ब्राह्मण नेताओं के नाम पर स्मृति द्वार क्यों नहीं?
गोंडा। जिले के कटरा बाजार विधानसभा क्षेत्र में एक साधारण सड़क यात्रा ने सम्मान और भेदभाव के गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय कार्यकर्ता मुकेश ओझा 'कैप्टेन' ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने ब्राह्मण समाज के पूर्व विधायकों पंडित मुरलीधर द्विवेदी, दीप नारायण पांडेय और राम देव मिश्र बंजरिया के योगदान को नजरअंदाज करने पर तीखा प्रहार किया है। पोस्ट में 'कैप्टेन' ने वर्तमान विधायक बावन सिंह के ब्राह्मण सम्मान के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सम्मान सबके लिए बराबर होना चाहिए। घटना की शुरुआत कल हुई, जब 'कैप्टेन' हलधरमऊ विकास खंड के निकट चौरी चौराहे पर खड़े थे। नजर पड़ी चौरी से कटरा जाने वाली सड़क पर एक गेट पर,जहां स्पष्ट अक्षरों में लिखा था—"स्वर्गीय श्री राम सिंह पूर्व विधायक मार्ग"। यह दृश्य उनके दिल को छू गया। उन्होंने लिखा, "कटरा विधानसभा के पूर्व विधायकों का सम्मान करना वाकई सराहनीय है।" लेकिन यहीं से मन में सवाल उठे। श्री राम सिंह के नाम पर गेट तो बना, लेकिन ब्राह्मण समाज के उन तीन महान नेताओं का क्या, जिन्होंने क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाई? पंडित मुरलीधर द्विवेदी, दीप नारायण पांडेय और राम देव मिश्र बंजरिया ये सभी अब इस दुनिया में नहीं हैं, फिर भी उनके नाम पर कहीं कोई स्मृति चिन्ह नजर नहीं आया। 'कैप्टेन' ने पूरा कटरा बाजार घूम लिया, लेकिन कहीं भी इन नेताओं के सम्मान का नामोनिशान नहीं मिला। उन्होंने पोस्ट में दर्द भरी टीस व्यक्त की: ""। जिक्र किया कुछ दिन पहले विधायक बावन सिंह के बयान का, जहां उन्होंने कहा था—"मैं और मेरा परिवार ब्राह्मणों का बहुत सम्मान करते हैं, कटरा के ज्यादातर ब्राह्मण समाज के लोग मेरे साथ हैं।" तो फिर यह दोहरा चरित्र क्यों? एक पूर्व विधायक के नाम पर गेट, बाकी ब्राह्मण पूर्व विधायकों के लिए सन्नाटा? 'कैप्टेन' ने साफ कहा कि गेट सरकारी बजट से लगना था, निजी जेब से नहीं। यह सम्मान का सवाल है, दिखावे का नहीं।कटरा बाजार विधानसभा क्षेत्र, जो गोंडा जिले में स्थित है, लंबे समय से सवर्ण, दलित और मुस्लिम वोटरों का गढ़ रहा है। यहां के चुनावी इतिहास में ब्राह्मण नेताओं का योगदान महत्वपूर्ण है। पंडित मुरलीधर द्विवेदी ने क्षेत्र में शिक्षा और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष किया, दीप नारायण पांडेय ने किसानों के हक की आवाज बुलंद की, जबकि राम देव मिश्र बंजरिया ने विकास कार्यों से बंजरिया क्षेत्र को नई पहचान दी। इनके कार्यकाल में सड़कें, स्कूल और सिंचाई परियोजनाएं मजबूत हुईं। लेकिन आज इनकी स्मृति मात्र एक सवाल बनकर रह गई है। 'कैप्टेन' ने उत्तर प्रदेश सरकार से सीधी मांग की: "कटरा बाजार विधानसभा में श्रद्धेय पंडित मुरलीधर द्विवेदी जी, दीप नारायण पांडेय जी और राम देव मिश्र बंजरिया जी के नाम पर तुरंत द्वार बनवाएं।" उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार नहीं मानती, तो समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर सभी पूर्व विधायकों के नाम पर द्वार बनवाएंगे। इस मुद्दे पर वे समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से भी बात करेंगे। पोस्ट में उन्होंने लोगों से अपील की: "क्या आप भी मानते हैं कि सम्मान सबके लिए बराबर होना चाहिए? अपनी राय कमेंट में बताएं, शेयर करें ताकि आवाज बुलंद हो! "यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। ब्राह्मण समाज के संगठनों ने समर्थन जताया है, जबकि स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इसे राजनीतिक साजिश बताया। वर्तमान विधायक बावन सिंह की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कटरा बाजार जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे मुद्दे जातीय समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं। क्या यह ब्राह्मण सम्मान का नया विवाद बनेगा? या सरकार जल्द कदम उठाएगी? समय ही बताएगा। लेकिन 'कैप्टेन' की यह आवाज निश्चित रूप से पूर्व विधायकों की विरासत को जीवंत करने का संकल्प है।