दिनांक: 02 जुलाई, 2025
लखनऊ: मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से आज वर्ष 2022 के 07 और वर्ष 2023 बैच के 38 कुल 45 प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) प्रशिक्षु अधिकारियों ने भेंट की।
अपने संबोधन में उन्होंने अधिकारियों का उत्तर प्रदेश प्रशासनिक परिवार में हार्दिक स्वागत किया और उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवा दूसरों के लिए सोचने और कार्य करने का अवसर प्रदान करती है। सरकार अधिकारियों को आत्म-मूल्यांकन और विवेकपूर्ण निर्णय लेने की स्वतंत्रता देती है। इस सेवा में चुनौतियों के साथ व्यापक अनुभव प्राप्त करने का मौका भी मिलता है।
उन्होंने अधिकारियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यह सेवा दूसरों का मार्गदर्शन और प्रेरणा देने के लिए है। स्वयं का मनोबल ऊंचा रखते हुए जनता के लिए अधिकतम कार्य करें, इससे आपकी टीम भी नई ऊर्जा के साथ कार्य करेगी। दूसरों की सेवा से आत्म-संतुष्टि और उपलब्धि की अनुभूति होती है, जो अन्य किसी सेवा में नहीं मिलती है।
उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से जनता से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान करने और नवीनतम तकनीक से स्वयं को अपडेट रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रशासन सबसे बुनियादी और महत्वपूर्ण सेवा है, जिसमें अधिकारियों का सीधा जुड़ाव जनता और उनकी समस्याओं से होता है। जमीन से जुड़ी समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए कार्य करना होगा। समस्याओं के समाधान के लिए ज्यादा पढ़ना होगा और निर्णय लेने की क्षमता विकसित करनी होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रतिदिन कम से कम एक या दो लोगों की समस्याओं का जड़ से समाधान करने का प्रयास करें।
उन्होंने बताया कि सरकार का मुख्य ध्यान रोजगार और निवेश पर है। अधिकारियों को अपने क्षेत्र में उद्यम और व्यवसायों को प्रोत्साहित करने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सक्रियता से कार्य करना चाहिए। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां सीडी रेशियो को मण्डलायुक्तों और जिलाधिकारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) से जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की लगभग 65 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है। परंपरागत कृषि तकनीकों में सुधार और नई तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है ताकि बेहतर पैदावार हो सके। उन्होंने अधिकारियों को नई तकनीक सीखने और इसे किसानों तक पहुंचाने की सलाह दी। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश 22 प्रतिशत शहरीकृत है, और शहरीकरण को बढ़ावा देना अर्थव्यवस्था, रोजगार और प्रगति के लिए आवश्यक है। इस दिशा में भी कार्य करना होगा।
महिला एवं बाल विकास को प्राथमिकता देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार के लिए टेक होम राशन (टीएचआर) कार्यक्रम चलाया जा रहा है। विकसित भारत की परिकल्पना स्वस्थ और शिक्षित नागरिकों पर निर्भर है। अधिकारियों को अन्य कार्यों के साथ-साथ महिला एवं बाल विकास से जुड़ी योजनाओं और कार्यक्रमों पर भी ध्यान देना होगा।
इससे पूर्व प्रत्येक प्रशिक्षु अधिकारियों ने अपना परिचय दिया और अपने फील्ड ट्रेनिंग के अनुभवों को साझा किया।
इस अवसर पर महानिदेशक उपाम एल. वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव नियुक्ति एम. देवराज सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।