ईंट भट्ठे में पानी से भरे गड्ढे में गिरे दो मासूम भाइयों की डूबने से मौत, अभी तक किसी पर कार्रवाई नहीं
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ईंट भट्ठे में पानी से भरे गड्ढे में गिरे दो मासूम भाइयों की डूबने से मौत, अभी तक किसी पर कार्रवाई नहीं

 


लखनऊ के गोसाईंगंज के मोहम्मदपुर गढ़ी गांव में स्थित एक ईंट-भट्ठे में लापरवाही से दो मासूम भाइयों सीतापुर जिले के हरगांव स्थित शेखपुर के मजरा खानपुर निवासी रवि(8) सोहित (6) की पांच फुट गड्ढे में भरे पानी में गिरने कर मौत हो गई। दोनों भाई खेलते हुए गड्ढे के पास पहुंचे और दोनों कब गड्ढे में गिर गए, किसी को पता तक नहीं चला। इंस्पेक्टर गोसाईगंज ब्रजेश कुमार त्रिपाठी के मुताबिक बच्चों के पिता दीपक कुमार पत्नी जूली व बेटी गुड़िया (4) के साथ गोसाईगंज के मोहम्मदपुर गढ़ी गांव स्थित कंचन ब्रिक फील्ड पर रहकर ईंट पथाई का काम करते है। दीपक ने पुलिस को बताया रविवार दोपहर बेटा रवि छोटे भाई सोहित के साथ भट्ठे पर खेल रहे थे। वह बेटी को साथ लेकर पत्नी संग काम पर व्यस्त थे। दोपहर करीब दो बजे दंपती भोजन करने के लिए झोपड़ी पहुंचे तो दोनों बेटे वहां नहीं मिले। पति पत्नी अन्य साथी मजदूरों के साथ दोनों बेटों की तलाशना शुरू किया पर कुछ पता नहीं चल सका। शाम को एक बेटे का हाथ गड्ढे में दिखा

दीपक ने बताया कि करीब चार बजे खोजबीन के दौरान उन्हें झोपड़ी के पास बने पानी भरे गड्ढे में एक बेटे का हाथ पानी के बाहर दिखाई दिया। हाथ देखते ही उन्होंने मदद के लिए शोर मचा दिया। शोर सुन भट्ठे पर मौजूद मजदूर मदद के लिए पहुंच गए । कुछ लोग पानी से भरे गड्ढे में उतरे और दोनों मासूम भाइयों को पानी से बाहर निकाला,लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

नहर कटने से भर गया था पानी, नहीं थी बैरिकेडिंग

गांव के लोगों ने बताया कि दो दिन पहले नहर कट जाने के कारण भट्ठे पर बने इस गड्ढे में भर गया था। आरोप है कि भट्ठे में बने गड्ढे में पानी भरने के बाद भट्ठे मालिक ने बैरिकेडिंग नहीं की। अगर गड्ढे के पास बैरिकेडिंग होती तो शायद हादसा न होता। इंस्पेक्टर गोसाईंगंज ब्रजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि फिलहाल परिजनों ने कोई आरोप नहीं लगाया है। अगर परिजन कोई शिकायत करते हैं तो उस आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बच्चों को शव देखते ही मां हुई बेहोश

दोनों मासूम बच्चों का शव जब पानी से भरे गड्ढे से लोगों ने निकाल तो पास में खड़ी उनकी मां जूली दोनों का शव देखते ही बेहोश हो गई। भट्ठे में रहने वाली अन्य महिलाओं ने किसी तरह उनको संभला। होश में आने पर जूली दोनों बेटों के शव से लिपट कर दहाड़े मार-मार कर रोने लगीं। पिता दीपक आंखों में आंसू लिए दोनों बेटों के शव को काफी देर तक निहारते रहें। पत्नी की हालत देख दीपक भी फूट-फूट कर रो पड़े। मजदूरों ने किसी तरह उनको भी ढांढस बंधाया। दोनों पति-पत्नी बार-बार लोगों से यह कह रहे थे कि अभी तो बेटों ने दुनिया भी नहीं देखी थी। 

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