प्रदीप बच्चन(ब्यूरो चीफ)
बलिया(यूपी) लोकतंत्र के चौथे स्तंभ माने जाने वाले"पत्रकारों" पर आए दिन अराजक तत्वों द्वारा जानलेवा हमला किया जाना प्रश्न बन कर रह गया है।बता दें कि दिनांक 4 मार्च को थाना रसड़ा क्षेत्र के नगर में अब्दुल रहमान नामक पत्रकार, दोपहर लगभग दो बजे अपने घर के बाहर खिड़की के ऊपर प्लास्टिक शेड लगा रहे थे कि अचानक चार हमलावरों ने उनपर हमला बोल दिया।बताया जाता है कि पत्रकार अब्दुल रहमान कुछ समझ पाते इससे पहले चारों अपराधियों ने लाठी/डंडों/लात/घुसों से उनके पेट/सिर/कान/चेहरे पर बार करना शुरू कर दिया।जिस कारण उनके सिर,कान,होठ,पेट से खून बहने लगा उन्हें गंभीर चोटे आई हैं।बता दें कि "राष्ट्रीय पत्रकार संघ भारत" के जिला कार्यकारणी सदस्य अब्दुल रहमान देर किए बिना।पुलिस चौकी रसड़ा पर जाकर,इस घटना की शिकायत की और एफ आई आर दर्ज करने को कहा तो कुछ चाटुकार पुलिस कर्मियों ने उनके एफ आई आर दर्ज करने से मना कर के,जोर जबरिया धमका कर सुलहनामा लिखवा लिया। इस बात की ख़बर पाकर मौके पर पहुंचे संस्थान के चुनाव प्रभारी पिंटू सिंह जी,सैयद सेराज अहमद जी,खुर्शीद आलम ने वहां का जायजा लिया और संगठन को सूचित किया।और चौकी प्रभारी को एफ आई आर रजिस्टर्ड करने पर दबाव डाला।यह ख़बर जब "राष्ट्रीय पत्रकार संघ भारत" के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश सिंह जी व राष्ट्रीय महिला अध्यक्षा पूनम सिंह जी,प्रदेश अध्यक्ष विनोद सिंह,जिला महिला अध्यक्षा कंचन सिंह,जिला अध्यक्ष दुर्गा शंकर सिंह,पूर्व जिलाध्यक्ष अमरनाथ चौरसिया,नित्यानंद सिंह,अजय मिश्रा,कमलेश ओझा,प्रदीप बच्चन,रमजान अहमद,शाहिद,सैफ इत्यादि अन्य पदाधिकारियों/सदस्यों को मिली तो वे सभी एक जुट हो कर एस एच ओ रसड़ा और चौकी प्रभारी से दूरभाष के माध्यम से पूछताछ किया और पत्रकार रहमान जी को न्याय दिलाने की अपील की।जिसमे एस एच ओ रसड़ा ने"राष्ट्रीय पत्रकार संघ भारत" के पत्रकार के ऊपर हुए जानलेवा हमला करने वाले हमलवारों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करने का आश्वासन दिया तथा पुलिस द्वारा त्वरित पत्रकार अब्दुल रहमान का स्थानीय चिकित्सालय में मेडिकल कराया गया और पूर्ण जांच के लिए मुख्य चिकित्सालय रेफर कर दिया गया जहां अल्ट्रासाउंड की मशीन खराब होने के कारण उन्हें डॉक्टरों ने जनपद मऊ चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया।