महाकुंभ: ज्ञानवापी के लिए संतों ने भरी हुंकार, महाकुंभ में हुई बैठक में कहा- आंदोलन से मुक्त कराएंगे मंदिर
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महाकुंभ: ज्ञानवापी के लिए संतों ने भरी हुंकार, महाकुंभ में हुई बैठक में कहा- आंदोलन से मुक्त कराएंगे मंदिर

 


श्रीराम जन्मभूमि की तर्ज पर ज्ञानवापी सहित सभी मंदिरों को मुक्त कराया जाएगा। काशी की संस्कृति पर जो संकट मंडरा रहा है, उसका समाधान श्रीराम जन्मभूमि की तरह ही निकाला जाएगा। श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास की ओर से रविवार को महाकुंभ की धरती से काशी में सनातन संस्कृति बचाओ जनजागरण अभियान आरंभ हुआ। श्री सुमेर पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, काशी अक्षुण्ण धरोहर है। वर्तमान में काशी की पुरातन संस्कृति और धर्म पर जो भी संकट आएगा, उसे श्रीराम जन्मभूमि की तरह ही दूर करेंगे। सेक्टर-19 के शिविर में बैठक के दौरान संतों ने काशी में सनातन संस्कृति बचाओ जन जागरण अभियान को आशीर्वाद और समर्थन दिया। संतों की उपस्थिति में पांच प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। बैठक में काशी को धार्मिक नगरों की तर्ज पर सनातन धर्म नगर घाेषित करने और पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के साथ-साथ चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग को व्यवस्थित करने की मांग की गई। इसके अलावा ज्ञानवापी सहित मुगल आक्रांताओं द्वारा क्षतिग्रस्त किए गए बिंदु माधव मंदिर, कृतिवासेश्वर मंदिर, लाट भैरव, अविमुक्तेश्वर मंदिर, वक्रार्क कुंड मंदिर, शुष्केश्वर महादेव मंदिरों को शीघ्र मुक्त कराने के लिए कदम उठाने की सरकार से मांग की गई।


पंचकोसी क्षेत्र में मांस, मंदिरा और मछली पर प्रतिबंध, शत्रु संपत्ति की जांच कराने और साईं की मूर्तियों को बाहर करने का मुद्दा उठाया गया। वक्फ बोर्ड द्वारा हिंदू समाज एवं सनातन मंदिरों की हड़पी गई जमीनों की समस्याओं के समाधान के लिए बोर्ड को तत्काल समाप्त करने की मांग की गई।


इस अवसर पर न्यास द्वारा प्रस्तावित सभी पांच मांगों पर संतजनों ने आंदोलन के लिए सहयोग का आश्वासन दिया। न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष संजीव चंद्र त्रिपाठी, धर्माचार्य प्रमुख अजय महाराज और न्यासी पवन पाठक ने विचार व्यक्त किए। 


पांच मांगें

काशी को धार्मिक नगरों की तर्ज पर सनातन धर्म नगर घाेषित किया जाए। पंचकोसी परिक्रमा मार्ग के साथ-साथ चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग को व्यवस्थित किया जाए।

ज्ञानवापी सहित मुगल आक्रांताओं द्वारा क्षतिग्रस्त किए गए बिंदु माधव मंदिर, कृतिवासेश्वर मंदिर, लाट भैरव, अविमुक्तेश्वर मंदिर, वक्रार्क कुंड मंदिर, शुष्केश्वर महादेव मंदिरों को शीघ्र मुक्त कराने के लिए कदम उठाएं।

नगर निगम की सीमा के अंदर एवं पंचकोसी सीमा के अंदर ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध लगाया जाए।

आनंद कानन वन अर्थात पंचकोसी परिक्रमा मार्ग की विधर्मियों द्वारा अपवित्र की जा रही भूमि से कब्र, मजार, मस्जिद, बूचड़खाना और विधर्मी स्थलों को मुक्त कराने के लिए संवैधानिक तरीके से कदम उठाए जाएं। संपूर्ण क्षेत्र से मांस, मछली, अंडा के उपयोग, उपभोग और क्रय विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।

काशी की सभी शत्रु संपत्तियों की जांच कराकर तत्काल सरकार अपने कब्जे में ले। उस जमीन पर स्कूल, अस्पताल तथा पार्क का निर्माण कराया जाए। काशी के सभी मंदिरों से साईं की मूर्ति को बाहर कराया जाए।

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