लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी बुधवार को संभल जाएंगे। वह नई दिल्ली में हैं। वहां से सुबह संभल के लिए रवाना होंगे। हालांकि उन्हें संभल जाने से रोकने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से पुख्ता तैयारी की गई है।
राहुल गांधी के प्रस्तावित कार्यक्रम को देखते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, संगठन महासचिव अनिल यादव सहित आदि नेता मंगलवार शाम दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। यह सभी राहुल गांधी के साथ संभल जाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि पुलिस प्रशासन की ओर से उन्हें रोकने का प्रयास किया गया तो रास्ते में ही धरना-प्रदर्शन शुरू कर देंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पदाधिकारी हर स्तर पर संघर्ष के लिए तैयार हैं। बता दें कि सोमवार को ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पार्टी नेताओं के साथ संभल जाने की तैयारी में थे। किंतु पुलिस-प्रशासन ने उन्हें प्रदेश मुख्यालय में ही हाउस अरेस्ट कर लिया था। जबकि अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर ईको-गार्डेन भेजा गया था।
संभल की हिंसा सोची समझी रणनीति के तहत कराई गई : अखिलेश
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि संभल की घटना सोची समझी रणनीति के तहत हुई है। इस घटना के जरिये संभल के भाईचारे को गोली मारी गई है। भाजपा के सहयोगी और समर्थक देश के कोने-कोने में खोदाई की बात कर रहे हैं, इससे देश का सौहार्द और भाईचारा खो जाएगा।
अखिलेश ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि संभल का माहौल बिगाड़ने में याचिकाकर्ता के साथ, पुलिस प्रशासन के लोग जिम्मेदार हैं। दोषी अधिकारियों को निलंबित कर उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। ये लड़ाई दिल्ली और लखनऊ की है। दिल्ली की सत्ता में बैठे भाजपा के नेता जिस रास्ते से पहुंचे हैं, लखनऊ की सत्ता में बैठे भाजपा वाले भी उसी रास्ते से दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। प्रदेश के उपचुनाव को देखते हुए संभल की साजिश हुई है।
उन्होंने कहा कि संभल की शाही जामा मस्जिद के खिलाफ 19 नवंबर 2024 को सिविल जज सीनियर डिवीजन चंदौसी संभल के यहां एक याचिका दायर की गई। कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बगैर उसी दिन सर्वे का आदेश दे दिया। यही नहीं संभल के डीएम-एसपी आदेश को पढ़े बगैर दो घंटे के बाद ही सर्वे के लिए शाही जामा मस्जिद भी पहुंच गए।
उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद की कमेटी पैरवी की तैयारी कर रही थी, लेकिन 23 नवंबर की रात अगले दिन दोबारा सर्वे की बात कही गई। शाही मस्जिद कमेटी और अधिवक्ताओं ने जब कहा कि सर्वे पूरा हो चुका है, तो दूसरे सर्वे की क्या जरूरत है। अगर दोबारा सर्वे कराना है तो फिर कोर्ट से आदेश कराएं, लेकिन डीएम-एसपी ने इसे अनसुना कर दिया। लोगों ने इसका विरोध किया तो पुलिस के सिपाही से लेकर अधिकारियों तक ने अपने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं जिससे पांच युवाओं की मौत हो गई।