टाटा के निधन पर राष्ट्रपति, PM मोदी ने संवेदनाएं प्रकट कीं; महिंद्रा, अंबानी-अदाणी ने भी जताया दुख
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टाटा के निधन पर राष्ट्रपति, PM मोदी ने संवेदनाएं प्रकट कीं; महिंद्रा, अंबानी-अदाणी ने भी जताया दुख



उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर देशभर में शोक की लहर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की तमाम औद्योगिक हस्तियों ने भी शोक जताया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित रतन टाटा के दुखद निधन से भारत ने एक ऐसे प्रतीक को खो दिया है, जिसने राष्ट्र निर्माण के साथ कॉर्पोरेट विकास और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का मिश्रण किया। उन्होंने महान टाटा विरासत को आगे बढ़ाया और इसे और अधिक प्रभावशाली वैश्विक उपस्थिति प्रदान की। उन्होंने अनुभवी पेशेवरों और युवा छात्रों को समान रूप से प्रेरित किया। परोपकार में उनका योगदान अमूल्य है। मैं उनके परिवार, टाटा समूह की पूरी टीम और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं। 

प्रधानमंत्री मोदी का शोक संदेश
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि रतन टाटा दूरदर्शी कारोबारी नेता, एक दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया। बकौल पीएम मोदी, रतन टाटा के सबसे अनूठे पहलुओं में से एक बड़े सपने देखना और उन्हें वापस देने का जुनून था। वह शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छता, पशु कल्याण जैसे कुछ मुद्दों का समर्थन करने में सबसे आगे थे। 
गुजरात में सीएम रहने के दौरान कई बार मुलाकातें हुईं
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मेरा मन रतन टाटा के साथ अनगिनत संवादों से भरा हुआ है। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो मैं उनसे अक्सर मिलता था। हम विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करते थे। मुझे उनका दृष्टिकोण बहुत समृद्ध लगा। जब मैं दिल्ली आया तो ये बातचीत जारी रही। उनके निधन से बेहद दुख हुआ। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के साथ हैं।समाज को बेहतर बनाने की अटूट प्रतिबद्धता
अपने राजनीतिक जीवन के विभिन्न दौरों में टाटा के साथ ली गई अपनी तस्वीरें पोस्ट कर पीएम मोदी ने कहा, मेरा मन रतन टाटा जी के साथ अनगिनत मुलाकातों से भरा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि टाटा ने अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने की अटूट प्रतिबद्धता के कारण कई लोगों को अपना मुरीद बना लिया।
मुकेश अंबानी ने अपने शोक संदेश में टाटा के निधन को पूरे देश के साथ-साथ भारतीय उद्योग जगत के लिए बहुत दुखद दिन करार दिया। उन्होंने कहा, रतन टाटा का निधन न केवल टाटा समूह के लिए, बल्कि प्रत्येक भारतीय के लिए बड़ी क्षति है। अंबानी ने टाटा के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए कहा, 'रतन टाटा के निधन से मुझे बहुत दुःख हुआ है। मैंने एक प्रिय मित्र खो दिया। टाटा एक दूरदर्शी उद्योगपति और परोपकारी शख्सियत थे, जिन्होंने हमेशा समाज की भलाई के लिए प्रयास किए। उन्होंने भारत को दुनिया भर में पहुंचाया और दुनिया की सर्वश्रेष्ठ चीजों को भारत लेकर आए।' अंबानी ने कहा कि रतन, हमेशा उनके दिल में रहेंगे।

राहुल गांधी ने दूरदर्शी दृष्टिकोण वाला किरदार बताया
रतन टाटा के निधन पर नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शोक व्यक्त किया है। राहुल गांधी ने कहा कि रतन टाटा दूरदृष्टि वाले व्यक्ति थे। उन्होंने व्यापार और परोपकार दोनों पर अमिट छाप छोड़ी है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और टाटा समूह के साथ हैं। 
लाखों लोगों के लिए प्रेरणा और आदर्श थे टाटा: खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया। खरगे ने कहा कि उनके निधन से हमने भारत का एक अनमोल सपूत खो दिया है। उन्होंने कहा, रतन टाटा एक उत्कृष्ट परोपकारी व्यक्ति, निष्ठा और नैतिकतापूर्ण नेतृत्व के पर्याय थे। उनकी भारत के समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता सर्वोपरि रही। वह लाखों लोगों के लिए प्रेरणा और आदर्श थे। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मेरी संवेदनाएं उनके प्रियजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। 

आनंद महिंद्रा बोले- वर्तमान आर्थिक हालात में उनका मार्गदर्शन और अमूल्य होता...

उद्योग जगत के एक अन्य दिग्गज आनंद महिंद्रा ने भी रतन टाटा के निधन पर शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि आज भारत की अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक छलांग लगाने के कगार पर खड़ी है। इस स्थिति में आने में रतन के जीवन और काम का हमारे बहुत बड़ा योगदान है। ऐसे समय में उनका मार्गदर्शन और अमूल्य होता।

रतन टाटा ने आधुनिक भारत के पथ को पुनर्परिभाषित किया: गौतम अदाणी

उद्योग जगत के दिग्गज गौतम अदाणी ने भी रतन टाटा के निधन पर शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि भारत ने एक महान दूरदृष्टि वाले व्यक्ति को खोद दिया है। टाटा ने आधुनिक भारत के पथ को पुनर्परिभाषित किया। वह सिर्फ एक बिजनेस लीडर नहीं थे, उन्होंने अखंडता, करुणा और व्यापक भलाई के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ भारत की भावना को मूर्त रूप दिया। ऐसी हस्तियां हमेशा जीवित रहती हैं। 
 

हमारी स्मृतियों में सदैव जिंदा रहेंगे रतन टाटा: हर्ष गोयनका

उद्योगपति हर्ष गोयनका ने भी रतन टाटा के निधन पर शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि टाटा ईमानदारी, नैतिक नेतृत्व और परोपकार की एक मिसाल थे। उन्होंने व्यापार और उससे परे की दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है। वह हमारी स्मृतियों में सदैव जिंदा रहेंगे। 
 

सबसे बड़े बिजनेस आइकन थे रतन टाटा: किरण मजूमदार

उद्योगपति और बायोकॉन लिमिटेड की कार्यकारी अध्यक्ष किरण मजूमदार शॉ ने भी रतन टाटा के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि टाटा सबसे बड़े बिजनेस आइकन थे। उन्होंने रतन टाटा के साथ अपने एक्स हैंडल पर एक तस्वीर साझा की और कहा कि मैं इसे हमेशा संजो कर रखूंगी। 
 
 

हमारे दिलों में जीवित रहेंगे रतन टाटा: अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने भी रतन टाटा के निधन पर शोक प्रकट किया। बकौल शाह, टाटा ने निस्वार्थ भाव से अपना जीवन हमारे राष्ट्र के विकास के लिए समर्पित कर दिया। जब भी मैं उनसे मिला, भारत और उसके लोगों की भलाई के प्रति उनके उत्साह और प्रतिबद्धता ने मुझे आश्चर्यचकित कर दिया। हमारे देश और लोगों के कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के कारण लाखों सपने साकार हुए। वह हमारे दिलों में जीवित रहेंगे। मेरी संवेदनाएं टाटा समूह और उनके अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं। 
 

गडकरी बोले- तीन दशकों तक घनिष्ठ पारिवारिक संबंध रहे

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्हें 'देश का महान सपूत' बताते हुए गडकरी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, रतन टाटा के साथ मेरे तीन दशकों तक घनिष्ठ पारिवारिक संबंध रहे।

पेटा इंडिया ने पशुओं के प्रति टाटा की करुणा को याद किया

पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) इंडिया ने भी रतन टाटा के निधन पर संवेदनाएं प्रकट कीं। पेटा इंडिया की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक टाटा का पशुओं के प्रति प्रेम और करुणा उनकी व्यावसायिक क्षमता की तरह ही प्रसिद्ध रही। इसे हमेशा याद किया जाएगा। पेटा ने कहा कि मुंबई में टाटा ट्रस्ट्स स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल, उनकी करुणा का परिणाम है, जो पहले से ही जरूरतमंद असंख्य जानवरों की मदद कर रहा है। यह निश्चित रूप से पेटा इंडिया के आपातकालीन प्रतिक्रिया कार्य का सहयोगी बनेगा।

हमेश जीवित रहेगी रतन टाटा की विरासत: मोहन चरण माझी

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भी रतन टाट के निधन पर शोक प्रकट किया। उन्होंने टाटा को एक उद्योग दिग्गज और एक सच्चा राष्ट्रीय प्रतीक बताया। माझी ने कहा, रतन टाटा का दूरदर्शी नेतृत्व, नैतिकता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता और भारत के विकास में अपार योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी। 

राष्ट्र सेवा में टाटा के अमूल्य योगदान के लिए सदैव ऋणी रहेगा देश: रघुबर दास

झारखंड के पूर्व सीएम और ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास ने भी रतन टाटा के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा, टाटा का जाना न केवल उद्योग जगत, बल्कि संपूर्ण भारत के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके कुशल नेतृत्व में टाटा समूह की कंपनियों ने देश के विकास में अहम योगदान दिया। देश की अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग को गति देने के साथ ही युवा उद्यमियों को भी उन्होंने काफी बढ़ावा दिया। राष्ट्र सेवा में उनके अमूल्य योगदान के लिए देश सदैव उनका ऋणी रहेगा।

टाटा का निधन भारतीय व्यापार और समाज के लिए अपूरणीय क्षति: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया और इसे भारतीय व्यापार और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया। बनर्जी ने कहा कि टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष भारतीय उद्योग के अग्रणी नेता और एक सार्वजनिक-उत्साही परोपकारी व्यक्ति थे।

विनम्रता और करुणा के प्रतीक थे रतन टाटा: एमके स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी रतन टाटा के निधन पर शोक प्रकट किया। स्टालिन ने कहा कि टाटा विनम्रता और करुणा के प्रतीक थे। उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल टाटा समूह को आकार दिया, बल्कि नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं के लिए एक वैश्विक मानक भी स्थापित किया। राष्ट्र-निर्माण, नवप्रवर्तन और परोपकार के प्रति उनके अथक समर्पण ने लाखों लोगों के जीवन पर एक अमिट छाप छोड़ी है।

रतन टाटा के निधन पर आदित्य ठाकरे बोले- ऐसी आत्माएं दुर्लभ होती हैं

शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने भी रतन टाटा के निधन पर शोक प्रकट किया। आदित्य ने कहा, न केवल भारत ने बल्कि मानवता ने एक दयालु नेता खो दिया है। वह एक बिजनेस टाइकून थे, जो परोपकार में भी उत्कृष्ट थे। ऐसी आत्माएं दुर्लभ होती हैं। 

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