प्रयागराज मेजा के उरूवा विकास खंड स्थित सोरांव ग्राम सभा में बुधवार से सात दिवसीय महादेव महावीर सत्संग समारोह का भव्य शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम के पहले दिन जबलपुर से आईं कथावाचिका आस्था दुबे ने शिव-पार्वती प्रसंग का मनमोहक वर्णन किया, जिससे उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथावाचिका आस्था दुबे ने शिव-पार्वती विवाह प्रसंग, भक्ति की महिमा और पारिवारिक एकता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भगवान शिव और माता पार्वती की कथा केवल दैवीय प्रेम की नहीं, बल्कि त्याग, तपस्या और समर्पण की मिसाल है।
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स्थान: सोरांव ग्राम सभा, उरूवा विकास खंड, प्रयागराज।
कार्यक्रम: सात दिवसीय महादेव महावीर सत्संग समारोह।
शुभारंभ: बुधवार से।
पहले दिन का प्रसंग: जबलपुर से आईं कथावाचिका आस्था दुबे ने शिव-पार्वती प्रसंग का मनमोहक वर्णन किया।
यह जानकारी सोरांव ग्राम सभा में हुए सात दिवसीय सत्संग समारोह के पहले दिन के आयोजन और मुख्य वक्ता के बारे में बताती है।
क्या आप इस सत्संग समारोह या आस्था दुबे जी के बारे में और कोई जानकारी जानना चाहेंगे?
आस्था दुबे ने बताया कि पार्वती जी ने तपस्या कर शिव को प्राप्त किया, जिससे यह संदेश मिलता है कि सच्ची भक्ति और दृढ़ निश्चय से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। उन्होंने कहा कि शिवजी का जीवन संयम, क्षमा और प्रेम का पाठ पढ़ाता है, और शिव-पार्वती का मिलन ब्रह्मांड के संतुलन का प्रतीक है।
इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण श्रद्धालु कथा श्रवण के लिए उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आयोजक युवा समाजसेवी आशीष शुक्ला ने बताया कि यह आयोजन क्षेत्र में धार्मिक जागरण और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
आशीष शुक्ला ने क्षेत्र के सभी श्रद्धालुओं से इस सात दिवसीय सत्संग को सफल बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि गांव में आध्यात्मिक वातावरण बना रहे और नई पीढ़ी भक्ति के मार्ग से जुड़ सके। इस अवसर पर लल्लन शुक्ला, संजय शुक्ला, अवधेश शुक्ला, दादा शुक्ला, विनय शुक्ला, लोलारक शुक्ल, मिथलेश शुक्ला और यतीश शुक्ला सहित कई लोग मौजूद रहे।
