नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक का स्थानांतरण, अतीक के बेटे के पास रुपये मिलने पर कार्रवाई
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नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक का स्थानांतरण, अतीक के बेटे के पास रुपये मिलने पर कार्रवाई

 


नैनी, प्रयागराज: केंद्रीय कारागार नैनी में तैनात वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल का जेल ट्रेनिंग सेंटर लखनऊ में स्थानांतरण कर दिया गया है। उनके स्थान पर अब कासगंज जेल के वरिष्ठ अधीक्षक विजय विक्रम सिंह को वरिष्ठ अधीक्षक बनाया गया है। बृहस्पतिवार को इन्होंने केंद्रीय कारागार नैनी का चार्ज ले लिया है। चर्चा है कि अतीक अहमद के बेटे अली की बैरक में नकदी मिलने के मामले में लापरवाही बरतने पर तबादला किया गया है। हालांकि, आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। 17 जून को डीआईजी जेल की ओर से कराई गई जांच में केंद्रीय कारागार नैनी की हाई सिक्योरिटी सेल में बंद अली अहमद के पास से 1100 रुपये की नकदी मिली थी। मामले में महिला डिप्टी जेलर कांति देवी और हेड वार्डर संजय द्विवेदी को निलंबित करते हुए डीजी जेल प्रेमचंद मीणा के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। इधर, विजय विक्रम सिंह ने बृहस्पतिवार को चार्ज ले लिया।

अली की सुरक्षा व्यवस्था का लिया जायजा


विजय विक्रम सिंह 1992 में सेवा में आए थे। दो फरवरी 2014 में केंद्रीय कारागार नैनी में डिप्टी जेलर के रूप में तैनात हुए थे। सितंबर 2014 को यहां से स्थानांतरित हुए थे। कार्यभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने हाई सिक्योरिटी सेल में जाकर अतीक अहमद के बेेटे अली की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। सीसीटीवी कैमरे के कंट्रोल रूम को देखा। साथ ही सीसीटीवी कैमरे की संख्या बढ़ाने के लिए मातहतों को प्रोजेक्ट बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मैनुअल के अनुसार जेल का संचालन हो, यही उनका प्रयास रहेगा।

अली की बैरक में मिले थे 1100 रुपये

माफिया अतीक अहमद का बेटा अली केंद्रीय कारागार नैनी में बीते 30 जुलाई 2022 से बंद है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अली की मुलाकात बंद हो चुकी है। सुरक्षा की दृष्टि से उसे हाई सिक्योरिटी सेल के एक कमरे में रखा गया है। यह बैरक तन्हाई बैरक के पास बनी है। अली से केवल उसके अधिवक्ता को ही मुलाकात करने की इजाजत है।

16 जून को अली अहमद से मुलाकात करने उसका अधिवक्ता पहुंचा था। जेल प्रशासन ने अली की तलाशी लेकर सेल के पास कमरे में अधिवक्ता से उसकी मुलाकात कराई थी। निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे के सामने उसकी मुलाकात कराई जाती है। अली की बैरक के पास सीसीटीवी कैमरे के साथ ही बंदी रक्षक 24 घंटे निगरानी करते हैं। अधिवक्ता से मुलाकात के बाद अली अपनी बैरक में चला गया। इस दौरान अधिवक्ता ने अली को नकद राशि दी थी।

17 जून को डीआईजी जेल को इसकी भनक लगी कि अली के पास नकदी है। इस पर वह शाम को जेल पहुंचे और अली के बैरक की तलाशी ली। जांच में अली के पास से 1100 रुपये मिले थे। मामले में डीआईजी जेल ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी। बुधवार शाम को रिपोर्ट के आधार पर डीजी जेल ने डिप्टी जेलर कांति देवी और हेड वार्डर संजय द्विवेदी को निलंबित कर दिया था।

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